- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-23/04/2025
ग्रीन बॉन्ड्स ऐसे वित्तीय ऋणपत्र (debt instruments) होते हैं जो विशेष रूप से पर्यावरण-संबंधी परियोजनाओं को वित्तपोषित (fund) करने के लिए जारी किए जाते हैं।
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें-
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
SIRONJ | ₹98740 | ₹98470 |
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 23 April 2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 23 April 2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
DELHI | ₹104356 | ₹95687 | ₹98497 |
MUMBAI | ₹99156 | ₹90827 | ₹98497 |
CHENNAI | ₹104356 | ₹95687 | ₹111000 |
KOLKATA | ₹104356 | ₹95687 | ₹99729 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
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में हम आपको मौजूदा समय के प्रसिद्ध आर्थिक शब्दों को हिंदी और सरल भाषा में समझाते हैं।
ग्रीन बॉन्ड्स:-
ग्रीन बॉन्ड्स क्या हैं?
ग्रीन बॉन्ड्स ऐसे वित्तीय ऋणपत्र (debt instruments) होते हैं जो विशेष रूप से पर्यावरण-संबंधी परियोजनाओं को वित्तपोषित (fund) करने के लिए जारी किए जाते हैं। इन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ जल, ऊर्जा दक्षता, प्रदूषण नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण, ग्रीन बिल्डिंग्स और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम जैसे कार्य शामिल होते हैं।
ये बॉन्ड्स पारंपरिक बॉन्ड्स की तरह ही कार्य करते हैं, लेकिन इनके फंड का उपयोग केवल पर्यावरण हितैषी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ग्रीन बॉन्ड्स की उत्पत्ति-
ग्रीन बॉन्ड्स की शुरुआत सबसे पहले 2007 में यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) और वर्ल्ड बैंक ने की थी। इनका उद्देश्य पर्यावरणीय संकट को देखते हुए वित्तीय दुनिया को टिकाऊ विकास (sustainable development) की दिशा में प्रेरित करना था।
बाद में 2014 में ग्रीन बॉन्ड प्रिंसिपल्स (Green Bond Principles) बनाए गए, जिससे पारदर्शिता, उपयोग, और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित किया गया।
ग्रीन बॉन्ड्स की विशेषताएं-
विशेषता | विवरण |
उद्देश्य | केवल पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए फंडिंग |
निवेश पर रिटर्न | पारंपरिक बॉन्ड्स के समान ब्याज दर |
ट्रैकिंग | फंड के उपयोग की रिपोर्टिंग अनिवार्य |
विश्वसनीयता | स्वतंत्र सत्यापन या सर्टिफिकेशन द्वारा सुनिश्चित की जाती है |
भारत में ग्रीन बॉन्ड्स की स्थिति-
भारत में ग्रीन बॉन्ड्स का चलन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। भारत ने 2015 में पहला ग्रीन बॉन्ड यस बैंक के माध्यम से जारी किया था। उसके बाद कई सार्वजनिक और निजी संस्थानों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए।
प्रमुख उदाहरण:-
- IRFC (Indian Railway Finance Corporation) ने 2021 में ग्रीन बॉन्ड जारी किए।
- SBI और REC जैसे संस्थान भी ग्रीन फंडिंग में सक्रिय हैं।
- SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने 2017 में ग्रीन बॉन्ड्स के लिए गाइडलाइंस जारी कीं।
ग्रीन बॉन्ड्स के लाभ-
- ✅ पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छ ऊर्जा, वनों की रक्षा, और जलवायु परिवर्तन पर रोकथाम।
- ✅ निवेशकों के लिए नया अवसर: ESG (Environment, Social, Governance) निवेश की दिशा में एक विकल्प।
- ✅ राष्ट्रीय एवं वैश्विक छवि में सुधार: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की साख बढ़ती है।
- ✅ लंबी अवधि का लाभ: स्थायी विकास को बढ़ावा मिलता है जिससे सामाजिक-आर्थिक संतुलन बनता है।
ग्रीन बॉन्ड्स की चुनौतियां-
- ⚠️ फंड का अनुचित उपयोग: यदि सही निगरानी न हो, तो फंड का गलत उपयोग संभव है।
- ⚠️ कम ब्याज दर आकर्षण: कुछ निवेशकों को पारंपरिक बॉन्ड्स के मुकाबले ये कम आकर्षक लगते हैं।
- ⚠️ मानकीकरण की कमी: वैश्विक स्तर पर अब भी ग्रीन बॉन्ड्स के लिए समान मानक नहीं हैं।
- ⚠️ स्वतंत्र ऑडिट महंगा: हर प्रोजेक्ट के सत्यापन की लागत अधिक हो सकती है।
भारत में भविष्य की संभावनाएं-
- 2030 तक भारत का लक्ष्य है 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा — इस लक्ष्य को पाने के लिए ग्रीन बॉन्ड्स एक सशक्त माध्यम हो सकते हैं।
- सरकार द्वारा “हरित वित्त नीति” (Green Finance Policy) का निर्माण और प्रोत्साहन ग्रीन बॉन्ड मार्केट को मजबूत करेगा।
- वैश्विक निवेशकों का रुझान ESG आधारित निवेश की ओर बढ़ रहा है, जो भारत के लिए एक अवसर है।
ग्रीन बॉन्ड्स एक ऐसा माध्यम हैं जो पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक विकास दोनों को साथ लेकर चलते हैं। भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वह जलवायु परिवर्तन की चुनौती को वित्तीय साधनों द्वारा संबोधित कर सके। इसके लिए जरूरी है कि पारदर्शिता, नियमन, और जन-जागरूकता को और सुदृढ़ किया जाए।
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