नई आयकर नियम 2025-26: स्लैब, छूट, TDS और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

नई आयकर नियम 2025-26: स्लैब, छूट, TDS और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

1 अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ, भारत सरकार ने आयकर नियमों में कई बदलाव किए हैं। बजट 2025 में घोषित नए टैक्स स्लैब, छूट और TDS सीमाएं अब लागू हो चुके हैं। ये बदलाव निवेशकों, वेतनभोगी व्यक्तियों और करदाताओं को प्रभावित करते हैं। आइए, इन परिवर्तनों को विस्तार से समझते हैं।

1. नए आयकर स्लैब (2025-26)

नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है:

आय सीमा (रुपये में)कर दर (%)
4 लाख तक0% (कोई टैक्स नहीं)
4,00,001 – 8,00,0005%
8,00,001 – 12,00,00010%
12,00,001 – 16,00,00015%
16,00,001 – 20,00,00020%
20,00,001 – 24,00,00025%
24,00,001 से अधिक30%

12 लाख तक आय पर शून्य टैक्स

  • नई टैक्स व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • हालांकि, ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करना अनिवार्य है, तभी यह छूट मिलेगी।
  • सैलरी पाने वालों को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री हो जाएगी।

2. TDS और TCS सीमा में बदलाव

ssoni 02/04/2025

सरकार ने TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) की सीमा बढ़ाकर करदाताओं को राहत दी है:

  • सीनियर सिटीजन्स के लिए बैंक ब्याज पर TDS की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।
  • अन्य व्यक्तियों के लिए यह सीमा 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई है।
  • डिविडेंड आय पर TDS की सीमा 5,000 से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
  • विदेशी रेमिटेंस पर TCS की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।

3. सेल्फ-ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी पर टैक्स कैलकुलेशन आसान

अब दो सेल्फ-ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी का वार्षिक मूल्य (Annual Value) शून्य माना जाएगा, जिससे टैक्स भरने की प्रक्रिया सरल होगी।

4. ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) की पूरी जानकारी

ITR क्या है?

ITR (Income Tax Return) एक फॉर्म है जिसमें व्यक्ति या संस्था अपनी आय, व्यय, निवेश और कर छूट का विवरण देते हैं। इसे हर साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जमा करना होता है।

ITR फाइल करना क्यों जरूरी है?

  • कानूनी अनिवार्यता: अगर आपकी आय टैक्स-फ्री सीमा से अधिक है, तो ITR फाइल करना जरूरी है।
  • लोन और वीजा के लिए: बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड या विदेश यात्रा के वीजा के लिए ITR रिसिप्ट चाहिए होती है।
  • टैक्स रिफंड पाने के लिए: अगर आपने जरूरत से ज्यादा टैक्स भर दिया है, तो रिफंड पाने के लिए ITR जमा करना होगा।

ITR फाइल करने की आखिरी तिथि

  • 31 जुलाई 2025 (सामान्य करदाताओं के लिए)
  • 31 अक्टूबर 2025 (ऑडिट केस में)

ITR फॉर्म के प्रकार

  • ITR-1 (सहज): सैलरी, एक घर की प्रॉपर्टी और अन्य आय वाले लोगों के लिए।
  • ITR-2: एक से अधिक प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन या विदेशी आय वाले लोगों के लिए।
  • ITR-3: बिजनेस या प्रोफेशनल आय वाले लोगों के लिए।
  • ITR-4 (सुगम): प्रेजम्प्टिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) वाले छोटे व्यापारियों के लिए।

5. भारत में ITR से जुड़े प्रमुख विभाग और पद

  1. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)
    • यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करता है और आयकर नियमों को लागू करता है।
    • अध्यक्ष: CBDT का प्रमुख होता है, जो आयकर विभाग की नीतियों को निर्धारित करता है।
  2. इनकम टैक्स कमिश्नर
    • विभिन्न क्षेत्रों में ITR की जांच और टैक्स कलेक्शन की जिम्मेदारी होती है।
  3. आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT)
    • टैक्स से जुड़े विवादों का निपटारा करता है।
  4. वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण)
    • बजट पेश करती हैं और नए टैक्स नियमों को लागू करती हैं।

नए आयकर नियम 2025-26 में 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट, TDS सीमा में वृद्धि और ITR फाइलिंग को आसान बनाया गया है। करदाताओं को इन बदलावों को समझकर सही समय पर ITR जमा करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार का जुर्माना न लगे।

अगर आपके पास कोई सवाल है, तो कर सलाहकार या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से संपर्क करें।

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