16 अप्रैल 2025 करंट अफेयर्स
1. मार्च 2025 में भारत की थोक महंगाई दर 2.05% पर पहुँची
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 15 अप्रैल 2025 को मार्च 2025 के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आँकड़े जारी किए। आँकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 में थोक महंगाई दर 2.05% रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, वस्त्रों, बिजली और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई है। WPI थोक स्तर पर मूल्य परिवर्तन को मापता है और यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक है, जिसका उपयोग नीति निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों द्वारा किया जाता है। आधार वर्ष 2011-12 के अनुसार, यह डेटा भारत की आर्थिक स्थिति को समझने में मदद करता है।
2. सौरभ चौधरी ने ISSF वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता
- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-16/04/2025
भारत के प्रतिभाशाली निशानेबाज सौरभ चौधरी ने पेरू के लीमा में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप 2025 में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। 22 वर्षीय इस खिलाड़ी ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच 219.1 का स्कोर हासिल किया। यह उनका दो साल के अंतराल के बाद पहला वर्ल्ड कप पदक है, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय वापसी को दर्शाता है। सौरभ ने 2018 यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया था और अब यह सफलता उनके करियर में एक नया मोड़ साबित हो सकती है।
3. स्विगी और श्रम मंत्रालय ने 12 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और स्विगी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य गिग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 12 लाख रोजगार अवसर पैदा करना है। यह साझेदारी राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और लचीले कार्य की तलाश करने वालों को रोजगार से जोड़ेगी। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस पहल को “डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया” के लक्ष्यों के अनुरूप बताया। यह कदम गिग इकॉनमी को बढ़ावा देने और बेरोजगारी दर को कम करने में मदद करेगा।
4. चीन ने बोइंग विमानों की खरीद पर रोक लगाई
अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव के बीच, चीन ने अपनी एयरलाइन कंपनियों को बोइंग विमानों की खरीद और डिलीवरी रोकने का निर्देश दिया है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी वस्तुओं पर 145% अतिरिक्त शुल्क लगाने के जवाब में उठाया गया है। इससे वैश्विक विमानन बाजार में बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि एयरबस और चीन की COMAC कंपनी को फायदा होगा। यह निर्णय दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध को और तीव्र कर सकता है।
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5. हिमाचल दिवस 2025: 78वीं वर्षगाँठ मनाई गई
15 अप्रैल 2025 को हिमाचल दिवस के रूप में मनाया गया, जो 1948 में हिमाचल प्रदेश के गठन की याद दिलाता है। यह दिन राज्य की संस्कृति, विकास यात्रा और एकता को समर्पित है। “हिमाचल” शब्द का अर्थ है “हिमालय की गोद”, और यह राज्य अपने सेब के बागों, पर्यटन स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। 1971 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। इस वर्ष 78वें हिमाचल दिवस पर राज्य सरकार ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया।
6. खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का लोगो और शुभंकर लॉन्च
खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) 2025 का आयोजन 4 से 15 मई 2025 तक बिहार में किया जाएगा। इसकी तैयारियों के तहत 14 अप्रैल 2025 को लोगो और शुभंकर का अनावरण किया गया। शुभंकर “गजसिंह” (हाथी और शेर का मिश्रण) है, जो बिहार की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है। यह आयोजन युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का मौका देगा और राज्य के खेल बुनियादी ढाँचे को मजबूत करेगा।
7. कुनो से गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का स्थानांतरण
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों के स्थानांतरण को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य मेटा-पॉपुलेशन प्रबंधन के जरिए चीतों की आबादी को स्थिर करना है। हालाँकि, शिकार की उपलब्धता और तेंदुओं के साथ संघर्ष जैसी चुनौतियाँ भी हैं।
8. भारत ने क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए अंतर्राष्ट्रीय रणनीति जारी की
14 अप्रैल 2025 (विश्व क्वांटम दिवस) को भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम प्रौद्योगिकी सहभागिता रणनीति (ITES-Q) जारी की। यह राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) को सपोर्ट करेगी और भारत को क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने में मदद करेगी।
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
महंगाई दर क्या है?
महंगाई दर का अर्थ (What is Inflation Rate?)
महंगाई दर (Inflation Rate) वह दर है जिस पर किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि होती है। सरल शब्दों में, जब समय के साथ चीजें महँगी हो जाती हैं, तो इसे महंगाई कहते हैं। महंगाई दर को प्रतिशत (%) में मापा जाता है और यह दर्शाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्तमान में कीमतें कितनी बढ़ी हैं।
उदाहरण के लिए, यदि 2024 में 1 किलो चावल की कीमत ₹50 थी और 2025 में यह बढ़कर ₹55 हो गई, तो चावल की कीमत में 10% की वृद्धि हुई। इसी प्रकार, यदि अधिकांश वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं, तो इसे महंगाई कहा जाता है।
महंगाई दर मापने के प्रमुख सूचकांक (Inflation Measurement Indexes)
भारत में महंगाई दर को मापने के लिए दो प्रमुख सूचकांक (Index) उपयोग किए जाते हैं:
1. थोक मूल्य सूचकांक (WPI – Wholesale Price Index)
- यह थोक बाजार (Wholesale Market) में वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन को मापता है।
- इसमें खाद्य पदार्थ, ईंधन, विनिर्मित उत्पाद आदि शामिल होते हैं।
- आधार वर्ष (Base Year) 2011-12 है।
- भारतीय उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा जारी किया जाता है।
2. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI – Consumer Price Index)
- यह खुदरा बाजार (Retail Market) में उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है।
- इसमें भोजन, कपड़े, आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि शामिल होते हैं।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीति बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- शहरी, ग्रामीण और संयुक्त (Urban, Rural & Combined) CPI अलग-अलग जारी किया जाता है।
महंगाई के प्रमुख कारण (Causes of Inflation)
महंगाई दर के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. मांग-प्रेरित महंगाई (Demand-Pull Inflation)
- जब वस्तुओं और सेवाओं की मांग (Demand), आपूर्ति (Supply) से अधिक हो जाती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं।
- उदाहरण: त्योहारों के समय उपभोक्ता खर्च बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है।
2. लागत-प्रेरित महंगाई (Cost-Push Inflation)
- जब उत्पादन लागत (Production Cost) बढ़ने से वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं।
- उदाहरण: पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से परिवहन महंगा हो जाता है, जिससे सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं।
3. मुद्रास्फीति (Monetary Inflation)
- जब अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति (Money Supply) बढ़ जाती है, लेकिन वस्तुओं की उपलब्धता नहीं बढ़ती, तो महंगाई होती है।
- उदाहरण: सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद अधिक नकदी छापने से महंगाई बढ़ सकती है।
4. अंतर्राष्ट्रीय कारक (Global Factors)
- कच्चे तेल की कीमतें, युद्ध, महामारी, आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आदि से भी महंगाई बढ़ती है।
- उदाहरण: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक महंगाई बढ़ी थी।
महंगाई के प्रभाव (Effects of Inflation)
महंगाई दर का अर्थव्यवस्था और आम जनता पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ते हैं:
सकारात्मक प्रभाव (Positive Effects)
- उत्पादकों को लाभ: कीमतें बढ़ने से कंपनियों का मुनाफा बढ़ सकता है।
- कर्जदारों को फायदा: महंगाई बढ़ने से कर्ज की वास्तविक कीमत कम हो जाती है।
नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects)
- क्रय शक्ति घटती है: आम आदमी की बचत और आय का मूल्य कम हो जाता है।
- बचत पर असर: बैंकों में ब्याज दरें कम होने से बचतकर्ताओं को नुकसान होता है।
- आर्थिक असंतुलन: अधिक महंगाई से निवेशकों का भरोसा कम हो सकता है।
महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय (How to Control Inflation?)
महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए सरकार और RBI निम्नलिखित उपाय करते हैं:
1. मौद्रिक नीति (Monetary Policy)
- RBI ब्याज दरें (Repo Rate) बढ़ाता है, जिससे लोग कम कर्ज लें और खर्च कम हो।
- पैसे की आपूर्ति (Money Supply) को नियंत्रित किया जाता है।
2. राजकोषीय नीति (Fiscal Policy)
- सरकार करों में बदलाव करती है (जैसे GST बढ़ाना या घटाना)।
- सब्सिडी और सार्वजनिक खर्च को नियंत्रित किया जाता है।
3. आपूर्ति बढ़ाना (Increasing Supply)
- कृषि और उत्पादन बढ़ाकर वस्तुओं की कमी दूर की जाती है।
- आयात-निर्यात नीतियों में सुधार किया जाता है।
महंगाई दर एक आर्थिक संकेतक (Economic Indicator) है जो दर्शाता है कि कीमतें कितनी तेजी से बढ़ रही हैं। यदि महंगाई दर अधिक होती है, तो आम आदमी का जीवन मुश्किल हो जाता है, जबकि कम महंगाई दर (Deflation) भी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं होती। इसलिए, RBI और सरकार महंगाई को 4-6% के बीच रखने का प्रयास करते हैं ताकि आर्थिक विकास और स्थिरता बनी रहे।