

- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-11/04/2025
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें –
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
---|---|---|
SIRONJ | ₹96208 | ₹95152 |
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 11 April 2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है। महंगाई एक आर्थिक स्थिति है जिसमें समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती जाती हैं, जिससे मुद्रा की क्रय शक्ति (खरीदने की क्षमता) कम हो जाती है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 11 April 2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
---|---|---|---|
DELHI | ₹96156 | ₹88168 | ₹95205 |
MUMBAI | ₹96273 | ₹88186 | ₹95205 |
CHENNAI | ₹96156 | ₹88168 | ₹107000 |
KOLKATA | ₹96156 | ₹88168 | ₹96532 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
महंगाई एक आर्थिक स्थिति है जिसमें समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती जाती हैं, जिससे मुद्रा की क्रय शक्ति (खरीदने की क्षमता) कम हो जाती है। इसे सरल भाषा में समझें तो मुद्रास्फीति तब होती है जब हम पहले जितने पैसों में जो चीजें खरीद सकते थे, अब उतनी ही चीजों के लिए हमें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
महंगाई के प्रमुख कारण
- मांग-खींच मुद्रास्फीति (Demand-Pull Inflation): जब बाजार में किसी विशेष वस्तु या सेवा की मांग बढ़ जाती है, लेकिन उसकी आपूर्ति उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाती, तो उसकी कीमतें बढ़ने लगती हैं।
- मूल्य-संचालित मुद्रास्फीति (Cost-Push Inflation): जब वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं महंगी हो जाती हैं (जैसे कि कच्चा तेल, कच्चे माल आदि), तो इसका असर अंतिम उत्पादों की कीमतों पर पड़ता है, जिससे महंगाई बढ़ती है।
- मुद्रा की आपूर्ति में वृद्धि: अगर बाजार में ज्यादा पैसा आ जाता है लेकिन सामान और सेवाएं उतनी नहीं बढ़तीं, तो इसकी वजह से भी महंगाई बढ़ने लगती है।
महंगाई के प्रकार
- हल्की मुद्रास्फीति (Creeping Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर बहुत कम हो (जैसे 2-3% प्रति वर्ष), तो इसे हल्की मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- चलती मुद्रास्फीति (Walking Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर मध्यम हो (जैसे 3-10%), तो इसे चलती मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- अत्यधिक मुद्रास्फीति (Galloping Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है (10% से अधिक), तो इसे अत्यधिक मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- हाइपरइन्फ्लेशन (Hyperinflation): जब मुद्रास्फीति बेकाबू हो जाती है और कीमतें हर दिन या हर घंटे तेजी से बढ़ती हैं। यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति होती है।
महंगाई के प्रभाव
- बचत पर असर: मुद्रास्फीति के कारण धन की क्रय शक्ति घटने से बचत का मूल्य कम हो जाता है।
- निवेश पर प्रभाव: मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे निवेश महंगा हो जाता है।
- वेतन और आय पर असर: अगर मुद्रास्फीति अधिक हो और आय उसी अनुपात में नहीं बढ़े, तो लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति घट जाती है।
- आर्थिक अस्थिरता: अत्यधिक मुद्रास्फीति से देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है, जिससे व्यापार और निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
महंगाई की माप
भारत में Inflation को मुख्य रूप से दो सूचकांकों द्वारा मापा जाता है:
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI): यह उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है, जो आमतौर पर उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाती हैं।
- थोक मूल्य सूचकांक (WPI): यह थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।
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