विवेक ओबेरॉय का सिनेमा और व्यवसाय के बीच संतुलन
विवेक ओबेरॉय ने हाल ही में अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े एक बड़े फैसले पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने सिनेमा को अपने जुनून और व्यवसाय को अपनी आजीविका का स्रोत बनाया। उनका मानना है कि इस निर्णय ने न केवल उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता दिलाई बल्कि फिल्म उद्योग की राजनीति और दबावों से दूर रहने में भी मदद की। विवेक ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपने मूल्यों और आत्म-सम्मान के साथ समझौता किए बिना जीवन जीने में विश्वास रखते हैं।
फिल्म उद्योग में काम के दौरान उन्होंने देखा कि कई बार कलाकारों को जीविका के लिए समझौते करने पड़ते हैं, लेकिन व्यवसाय ने उन्हें इस तरह की स्थिति से बचने और अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने का अवसर दिया। हाल ही में, विवेक रोहित शेट्टी की वेब सीरीज़ “इंडियन पुलिस फ़ोर्स” में नज़र आए और जल्द ही वह “मस्ती 4” में भी दिखाई देंगे।
बिंदुवार जानकारी:
- व्यवसाय को अपनाने का कारण:
- सिनेमा को जुनून और व्यवसाय को आय का माध्यम बनाया।
- वित्तीय स्थिरता के लिए व्यवसाय को “प्लान बी” के रूप में अपनाया।
- फिल्म उद्योग की राजनीति से बचाव:
- लॉबिंग और चापलूसी से बचने का विकल्प चुना।
- अपने मूल्यों और आत्म-सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया।
- व्यवसाय का प्रभाव:
- वित्तीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता हासिल की।
- दबावमुक्त होकर जीवन जीने की राह बनाई।
- वर्तमान और आगामी प्रोजेक्ट्स:
- “इंडियन पुलिस फ़ोर्स” में अहम भूमिका निभाई।
- जल्द ही “मस्ती 4” में रितेश देशमुख और आफ़ताब शिवदासानी के साथ नज़र आएंगे।
- जीवन जीने का दर्शन:
- जीवन में जुनून और आजीविका के बीच संतुलन का महत्व समझाया।
- कलाकारों के लिए प्रेरणा बनने की दिशा में कदम बढ़ाया।
निष्कर्ष:
विवेक ओबेरॉय का व्यवसाय को अपनाना और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना, उनके व्यक्तित्व और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि अन्य कलाकारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
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