1. प्रधानमंत्री मोदी करेंगे विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन
- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-19/04/2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मई 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम के पास स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह भारत का पहला सेमी-ऑटोमेटेड और डीप-वॉटर कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट होगा, जिसे केंद्र सरकार, केरल सरकार और अडानी पोर्ट्स के बीच PPP मॉडल पर विकसित किया गया है। इस अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह की विशेषता यह है कि यह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों के पास स्थित है, जिससे भारत की वैश्विक व्यापारिक क्षमताओं को नई गति मिलेगी। इस अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के जरिए न केवल केरल को वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा मिलेगी, बल्कि भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह देश के व्यापार को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।
तत्व | विवरण |
उद्घाटन तिथि | 2 मई 2025 |
उद्घाटनकर्ता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
स्थान | विझिंजम, तिरुवनंतपुरम, केरल |
विशेषता | भारत का पहला सेमी-ऑटोमेटेड डीप-वॉटर कंटेनर पोर्ट |
संचालन आंकड़े | 265 जहाज, 5.48 लाख TEUs |
महत्वपूर्ण मील का पत्थर | जुलाई 2024 में MV San Fernando “मदर शिप” का आगमन |
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2. ANPR-FASTag आधारित टोलिंग प्रणाली की शुरुआत
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि 1 मई 2025 से फास्टैग प्रणाली को हटाकर उपग्रह आधारित टोलिंग प्रणाली लागू नहीं की जा रही है। इसके बजाय, कुछ चयनित टोल प्लाज़ाओं पर एक उन्नत एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) तकनीक आधारित फास्टैग प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। यह तकनीक बाधारहित टोल संग्रह को सक्षम बनाती है, जिसमें वाहन बिना रुके ही टोल का भुगतान कर सकेंगे। इससे ट्रैफिक में कमी, समय की बचत और डिजिटल टोलिंग की पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
तत्व | विवरण |
योजना की स्थिति | पायलट प्रोजेक्ट पर लागू |
तकनीक | ANPR कैमरा + RFID आधारित FASTag |
लाभ | बिना रुके टोल भुगतान, निर्बाध यात्रा |
सरकार की स्थिति | सैटेलाइट टोलिंग अभी नहीं |
पायलट स्थान | चयनित टोल प्लाज़ा |
3. KSEB और IIT बॉम्बे का व्हीकल-टू-ग्रिड (V2G) तकनीक में सहयोग
केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) और IIT बॉम्बे ने मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है, जिसमें V2G (Vehicle-to-Grid) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बैटरियों को ग्रिड में ऊर्जा भेजने और खींचने की अनुमति देती है। इसका मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के अनुकूलन के साथ-साथ ऊर्जा मांग को संतुलित करना है। यह पहल पीक लोड के समय बिजली आपूर्ति को स्थिर रखने में मदद करेगी और ईवी को एक विकेन्द्रीकृत ऊर्जा स्रोत के रूप में प्रस्तुत करेगी।
तत्व | विवरण |
सहयोगकर्ता | KSEB और IIT बॉम्बे |
तकनीक | व्हीकल-टू-ग्रिड (V2G) |
उद्देश्य | ग्रिड स्थिरता, स्वच्छ ऊर्जा उपयोग |
कार्यप्रणाली | EV बैटरियों से बिजली वापसी |
ऊर्जा स्रोत | विशेष रूप से सौर ऊर्जा |
4. K2-18b पर जीवन के संभावित संकेत मिले: जेम्स वेब टेलीस्कोप की खोज
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप की मदद से एक्सोप्लैनेट K2-18b के वातावरण में डायमेथाइल सल्फाइड (DMS) और डायमेथाइल डिसल्फाइड (DMDS) जैसे अणु पाए हैं, जो जीवन के संकेत माने जाते हैं। यह ग्रह पृथ्वी से 124 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और यह खोज खगोल-जीवविज्ञान के क्षेत्र में बड़ी सफलता मानी जा रही है। हालांकि यह निष्कर्ष अभी अंतिम वैज्ञानिक पुष्टि की प्रतीक्षा में हैं, लेकिन यह भविष्य की जीवन खोज की दिशा में निर्णायक कदम है।
तत्व | विवरण |
ग्रह का नाम | K2-18b |
दूरी | 124 प्रकाश वर्ष |
वातावरण में तत्व | DMS, DMDS |
उत्पत्ति | समुद्री प्लवक और बैक्टीरिया |
उपकरण | जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) |
5. ईपीएस योजना का 2025 तक थर्ड-पार्टी मूल्यांकन
श्रम मंत्रालय को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का पहला थर्ड-पार्टी मूल्यांकन 2025 के अंत तक पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है। यह योजना 1995 में शुरू हुई थी, लेकिन अब तक इसका स्वतंत्र विश्लेषण नहीं हुआ था। मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य न्यूनतम पेंशन राशि ₹1,000 में महंगाई के अनुसार सुधार करना है। संसद की स्थायी समिति ने सरकार से अनुरोध किया है कि पेंशन में तात्कालिक बढ़ोतरी की जाए ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वास्तविक राहत मिल सके।
तत्व | विवरण |
योजना | कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) |
प्रारंभ वर्ष | नवंबर 1995 |
न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 |
मूल्यांकन स्थिति | प्रथम थर्ड-पार्टी मूल्यांकन |
समयसीमा | दिसंबर 2025 तक पूर्ण |
6. एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (APMU) का उद्घाटन
17 अप्रैल 2025 को केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली स्थित नेशनल डोप टेस्टिंग लैबोरेटरी में एथलीट पासपोर्ट मैनेजमेंट यूनिट (APMU) का उद्घाटन किया। यह प्रणाली खिलाड़ियों के जैविक संकेतकों की दीर्घकालिक निगरानी करती है, जिससे प्रतिबंधित पदार्थों के उपयोग की संभावना बिना प्रत्यक्ष पहचान के भी पता चल सकती है। APMU भारत को डोपिंग-विरोधी प्रयासों में अग्रणी बनाएगा और यह ग्लोबल साउथ के देशों के लिए एक मॉडल बनेगा।
तत्व | विवरण |
उद्घाटनकर्ता | डॉ. मनसुख मंडाविया |
तिथि | 17 अप्रैल 2025 |
स्थान | NDTL, नई दिल्ली |
उद्देश्य | एथलीट जैविक निगरानी (ABP) |
वैश्विक भूमिका | पड़ोसी देशों को सहायता |
7. भारत में स्थापित होगा इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) का मुख्यालय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2023 में लॉन्च की गई इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) अब भारत में अपना मुख्यालय स्थापित करेगी। यह अलायंस दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों – बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा – के संरक्षण के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा। यह भारत की वन्यजीव संरक्षण में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को और मजबूत करता है।
तत्व | विवरण |
लॉन्च | अप्रैल 2023 (प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ) |
उद्देश्य | सात बड़ी बिल्लियों का संरक्षण |
प्रजातियाँ | बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर, प्यूमा |
मुख्यालय | भारत |
महत्व | वैश्विक संरक्षण सहयोग |
8. भारत का रक्षा उत्पादन लक्ष्य 2029 तक ₹3 लाख करोड़
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2025 के रक्षा सम्मेलन “Force of the Future” में बताया कि भारत का लक्ष्य 2029 तक ₹3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन तक पहुँचना है। यह आत्मनिर्भर भारत की नीति के तहत आयात पर निर्भरता घटाकर स्वदेशी निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है। साथ ही 2029 तक रक्षा निर्यात को ₹50,000 करोड़ तक ले जाने की योजना है।
तत्व | विवरण |
वर्तमान लक्ष्य (2025) | ₹1.60 लाख करोड़ |
लक्ष्य (2029) | ₹3 लाख करोड़ |
रक्षा निर्यात लक्ष्य 2025 | ₹30,000 करोड़ |
रक्षा निर्यात लक्ष्य 2029 | ₹50,000 करोड़ |
रणनीति | आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी नवाचार |
9. भारत 2026 तक सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार बनेगा
एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल के अनुसार, भारत 2026 तक दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा। भारत में प्रति व्यक्ति हवाई यात्रा अभी भी कम है, लेकिन मध्यम वर्ग की आकांक्षाएं, नीति सुधार, और हवाई अड्डों के विकास ने इसकी वृद्धि को गति दी है। जबकि चीन अब भी आकार में आगे है, भारत विकास दर में शीर्ष पर रहेगा।
तत्व | विवरण |
2026 की वृद्धि दर | भारत – 10.5%, चीन – 8.9% |
2027 अनुमानित वृद्धि | भारत – 10.3%, चीन – 7.2% |
2025 अनुमानित वृद्धि | भारत – 10.1%, चीन – 12% |
CAGR (2023–2027) | भारत – 9.5%, चीन – 8.8% |
कारण | नीतिगत सुधार, अवसंरचना विकास |
10. सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी पर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2025 को बाल तस्करी पर कठोर रुख अपनाते हुए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें माता-पिता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि तस्करी के गिरोह बच्चों को यौन शोषण, मजदूरी, बाल विवाह और अवैध गोद लेने जैसे कार्यों में फंसा रहे हैं। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत रद्द करते हुए सभी हाईकोर्ट को 6 महीने में लंबित मामलों के निपटारे का आदेश दिया है।
तत्व | विवरण |
आदेश की तिथि | 15 अप्रैल 2025 |
मुख्य चिंता | डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग |
प्रभावित अपराध | बाल तस्करी, शोषण, बाल विवाह, अवैध गोद |
आदेश | 6 महीने में मुकदमा पूरा, फरार आरोपी 2 माह में गिरफ्तार |
अस्पतालों की जिम्मेदारी | लापरवाही पर लाइसेंस रद्द |
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
भारत में स्थित अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह की जानकारी UPSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये देश के वैदेशिक व्यापार, आर्थिक विकास और सामरिक स्थिति में अहम भूमिका निभाते हैं। भारत एक प्रायद्वीपीय देश है जिसकी समुद्री सीमा लगभग 7,516 किलोमीटर लंबी है और इसके पास 13 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह तथा लगभग 200 छोटे एवं मध्यम बंदरगाह हैं। इन प्रमुख बंदरगाहों में से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रयुक्त होते हैं और इन्हें सरकारी निकायों द्वारा संचालित किया जाता है।
भारत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों की सूची और जानकारी:
बंदरगाह का नाम | राज्य | विशेषता | प्रशासन |
मुंबई बंदरगाह | महाराष्ट्र | सबसे पुराना प्राकृतिक बंदरगाह, गहरे जल वाला | मुंबई पोर्ट ट्रस्ट |
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) | महाराष्ट्र | सबसे व्यस्त कंटेनर पोर्ट, न्हावा शेवा के नाम से प्रसिद्ध | JNPT ट्रस्ट |
कांडला बंदरगाह (दीनदयाल पोर्ट) | गुजरात | लवणीय मिट्टी के परिवहन में अग्रणी | दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट |
मर्मुगाओ बंदरगाह | गोवा | लौह अयस्क निर्यात में महत्वपूर्ण | मर्मुगाओ पोर्ट ट्रस्ट |
पारादीप बंदरगाह | ओडिशा | कोयले और लौह अयस्क का प्रमुख निर्यात केंद्र | पारादीप पोर्ट ट्रस्ट |
विशाखापत्तनम बंदरगाह | आंध्र प्रदेश | प्राकृतिक बंदरगाह, जहाज निर्माण में अग्रणी | विशाखा पोर्ट ट्रस्ट |
चेन्नई बंदरगाह | तमिलनाडु | औद्योगिक एवं ऑटोमोबाइल निर्यात में प्रमुख | चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट |
एन्नोर बंदरगाह (कामराज पोर्ट) | तमिलनाडु | कार्गो आधारित, निजी क्षेत्र का पहला बड़ा बंदरगाह | कामराज पोर्ट |
कोचीन बंदरगाह | केरल | सागरीय व्यापार और टूरिज्म में महत्वपूर्ण | कोचीन पोर्ट ट्रस्ट |
तूतीकोरिन बंदरगाह (वी.ओ. चिदंबरनार पोर्ट) | तमिलनाडु | कंटेनर व कोयला परिवहन में अहम | VOC पोर्ट ट्रस्ट |
हल्दिया बंदरगाह | पश्चिम बंगाल | हुगली नदी पर स्थित, कोलकाता का सहायक पोर्ट | श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट |
कोलकाता पोर्ट (श्री श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट) | पश्चिम बंगाल | सबसे पुराना नदी बंदरगाह | कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट |
विझिंजम पोर्ट (नया) | केरल | भारत का पहला डीप-वॉटर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट | PPP मॉडल पर – अडानी पोर्ट्स द्वारा |
भारत के अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का महत्व:
आर्थिक दृष्टिकोण से – भारत के कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 90% (मात्रा के अनुसार) समुद्री मार्ग से होता है। ये अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह वैश्विक बाजारों से भारत को जोड़ते हैं।
रणनीतिक दृष्टि से – बंदरगाहों की स्थिति भारत की समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, जैसे कि विशाखापत्तनम में नौसेना अड्डा।
लॉजिस्टिक्स और परिवहन में योगदान – अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह से रेलवे, राजमार्ग और अंतर्देशीय जलमार्ग जुड़े होते हैं, जिससे एकीकृत परिवहन नेटवर्क बनता है।
नौकरी और स्थानीय विकास –अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के आसपास उद्योग और रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
नीति और योजनाएँ – सागरमाला परियोजना, भारतमाला परियोजना आदि के माध्यम से बंदरगाह आधारित विकास को सरकार प्रोत्साहित कर रही है।
भारत के अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह न केवल देश की आर्थिक रीढ़ हैं, बल्कि भविष्य के लॉजिस्टिक और निर्यात आधारित विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। UPSC, PCS, SSC, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इनके स्थान, विशेषता, एवं प्रशासनिक निकायों पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, अतः इनका समग्र अध्ययन आवश्यक है।