1. मेघालय के रिंडिया सिल्क और खासी हैंडलूम को जीआई टैग प्राप्ति
- भारत सरकार ने मेघालय के दो पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों – रिंडिया सिल्क और खासी हैंडलूम को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया है। रिंडिया सिल्क एक विशेष प्रकार का जैविक रेशम है जिसे मेघालय के उमदेन-दीवोन क्षेत्र में हाथ से बुना जाता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक रंगों और नैतिक रूप से संग्रहित कच्चे माल से निर्मित होता है।
- वहीं खासी हैंडलूम खासी जनजाति की सदियों पुरानी बुनाई परंपरा का प्रतीक है। जीआई टैग मिलने से इन उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विशेष पहचान मिलेगी और स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि होगी। यह मेघालय की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
2. मॉरीशस बना ISA का पहला अफ्रीकी साझेदार देश
- मॉरीशस ने अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस (ISA) के साथ कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क (CPF) पर हस्ताक्षर करके इतिहास रच दिया है। यह समझौता मॉरीशस को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी और वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा। ISA की स्थापना भारत और फ्रांस ने 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान की थी।
- मॉरीशस इस फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर करने वाला पहला अफ्रीकी देश और वैश्विक स्तर पर चौथा देश बन गया है। इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। यह समझौता भारत-मॉरीशस संबंधों को और मजबूत करेगा।
3. यूपी पुलिस के डिजिटल पोर्टल को स्कॉच अवार्ड
- उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘इन्वेस्टिगेशन, प्रॉसिक्यूशन और कन्विक्शन पोर्टल’ को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह पोर्टल अपराध जांच प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाता है, जिससे मामलों का निपटारा तेजी से होता है। पोर्टल के माध्यम से अपराधों की ट्रैकिंग, चार्जशीट दाखिल करने और अदालती प्रक्रियाओं को सुगम बनाया गया है।
- इससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता आई है और जनता का विश्वास बढ़ा है। यह पुरस्कार यूपी पुलिस की तकनीकी क्षमताओं को रेखांकित करता है और अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल प्रस्तुत करता है।
4. ब्रिटेन को मिला 2035 फीफा महिला विश्व कप की मेजबानी का अधिकार
- फीफा ने 2035 महिला फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी के लिए यूनाइटेड किंगडम (यूके) को चुना है। यह टूर्नामेंट इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में संयुक्त रूप से आयोजित होगा। यूके ने 2022 में सफलतापूर्वक यूईएफए महिला यूरो चैंपियनशिप का आयोजन किया था, जिसके बाद उसे यह अधिकार मिला है।
- इससे महिला फुटबॉल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा और खिलाड़ियों के लिए नए अवसर सृजित होंगे। यह निर्णय महिला खेलों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
5. वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें सड़क बुनियादी ढांचा, बिजली सबस्टेशन और पुलिस अवसंरचना शामिल हैं। प्रमुख परियोजनाओं में वाराणसी रिंग रोड, 400 केवी सबस्टेशन और पुलिस थानों का उन्नयन शामिल है।
- ये योजनाएं शहर के विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इससे वाराणसी की पर्यटन क्षमता भी बढ़ेगी और आम जनता को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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6. भारत ने सिएरा लियोन को 9.9 लाख डॉलर की सहायता प्रदान की
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के साथ मिलकर सिएरा लियोन में दिव्यांगजनों के लिए 9.9 लाख डॉलर की सहायता राशि प्रदान की है। इस पहल का उद्देश्य दिव्यांगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- यह परियोजना भारत-यूएन डेवलपमेंट फंड के तहत चलाई जा रही है और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देती है। इससे सिएरा लियोन के ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
7. ब्रेकथ्रू पुरस्कार 2025: वैज्ञानिक उपलब्धियों को सम्मान
- 2025 के ब्रेकथ्रू पुरस्कार में वैज्ञानिकों को GLP-1 हार्मोन (मोटापा और डायबिटीज की दवाओं के लिए) की खोज के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार मार्क जुकरबर्ग द्वारा स्थापित किया गया है और इसे “विज्ञान का ऑस्कर” कहा जाता है।
- इस वर्ष के पुरस्कारों ने चिकित्सा विज्ञान में क्रांतिकारी खोजों को मान्यता दी है जो मानव जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेंगी।
8. ऑस्कर में नई श्रेणी: बेस्ट स्टंट डिज़ाइन
- 2028 के ऑस्कर में “सर्वश्रेष्ठ स्टंट डिज़ाइन” की नई श्रेणी जोड़ी जाएगी। यह फिल्म इंडस्ट्री में स्टंट कलाकारों के योगदान को मान्यता देगी।
- यह निर्णय वर्षों के अभियानों के बाद लिया गया है और फिल्म निर्माण में स्टंट कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
9. केरल-तमिलनाडु में नीलगिरी तहर की जनगणना
- केरल और तमिलनाडु 24-27 अप्रैल 2025 को संयुक्त नीलगिरी तहर जनगणना आयोजित करेंगे। यह पश्चिमी घाटों की लुप्तप्राय प्रजाति है।
- इस गणना में कैमरा ट्रैप्स और वैज्ञानिक विधियों का उपयोग किया जाएगा ताकि इस प्रजाति के संरक्षण के लिए सटीक डेटा एकत्र किया जा सके।
10. हैदराबाद में STREE समिट 2025
- हैदराबाद सिटी सिक्योरिटी काउंसिल 15 अप्रैल 2025 को STREE समिट आयोजित करेगी, जिसमें महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण पर चर्चा होगी।
- यह आयोजन महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
11. जापान ने दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन बनाया
- जापान की JR वेस्ट कंपनी ने मात्र 6 घंटे में 3D-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन बनाकर इतिहास रच दिया।
- यह स्टेशन वाकायामा प्रीफेक्चर में स्थित है और इससे निर्माण लागत व समय में कमी आई है। यह तकनीक भविष्य में अवसंरचना विकास में क्रांति ला सकती है।
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
जीआई टैग क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में
जीआई (Geographical Indication – भौगोलिक संकेत) टैग एक विशेष प्रकार का इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट है, जो किसी उत्पाद को उसके मूल स्थान के आधार पर विशिष्ट पहचान देता है। यह टैग उन उत्पादों को दिया जाता है जो किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र से जुड़े होते हैं और उस क्षेत्र की परंपरा, जलवायु, मिट्टी या कौशल के कारण उनकी गुणवत्ता अद्वितीय होती है।
टैग का इतिहास और उद्देश्य
- स्थापना: जीआई टैग की अवधारणा 1999 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के TRIPS (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights) समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू हुई।
- भारत में: भारत ने जीआई एक्ट, 1999 बनाया, जो 15 सितंबर 2003 से लागू हुआ।
- उद्देश्य:
- स्थानीय उत्पादों को नकली या अनाधिकृत उपयोग से बचाना।
- कारीगरों और किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना।
- पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना।
टैग कैसे काम करता है?
- पंजीकरण: कोई भी उत्पादक समूह, सरकारी संस्था या एसोसिएशन भारतीय पेटेंट कार्यालय में आवेदन कर सकता है।
- मानदंड: उत्पाद का नाम, विशेष गुण, भौगोलिक क्षेत्र से संबंध और ऐतिहासिक महत्व साबित करना होता है।
- अवधि: जीआई टैग 10 वर्ष के लिए वैध होता है, जिसे नवीनीकृत किया जा सकता है।
लाभ
- बाजार में विशेष पहचान: जीआई टैग वाले उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राथमिकता मिलती है।
- आर्थिक लाभ: स्थानीय कारीगरों और किसानों को उचित मूल्य मिलता है।
- नकली उत्पादों पर रोक: केवल मूल उत्पादक ही जीआई टैग का उपयोग कर सकते हैं।
- पर्यटन को बढ़ावा: जीआई टैग वाले उत्पादों से संबंधित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ता है।
भारत के प्रमुख जीआई टैग वाले उत्पाद
भारत में 500+ उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। कुछ प्रसिद्ध उदाहरण:
उत्पाद | राज्य/क्षेत्र | वर्ष |
दार्जिलिंग चाय | पश्चिम बंगाल | 2004 (भारत का पहला जीआई) |
बनारसी साड़ी | उत्तर प्रदेश | 2009 |
कांजीवरम सिल्क | तमिलनाडु | 2005 |
अल्फांसो आम | महाराष्ट्र | 2018 |
पोचमपल्ली इकत | तेलंगाना | 2005 |
मैसूर सिल्क | कर्नाटक | 2005 |
कश्मीरी पश्मीना | जम्मू-कश्मीर | 2008 |
रिंडिया सिल्क | मेघालय | 2025 |
हाल के जीआई टैग प्राप्त उत्पाद (2024-25)
- खासी हैंडलूम (मेघालय) – खासी जनजाति की पारंपरिक बुनाई कला।
- मिजो चिली (मिजोरम) – विशेष प्रकार की मिर्च।
- गोरखपुर टेराकोटा (उत्तर प्रदेश) – मिट्टी के हस्तशिल्प।
- जीआई टैग का महत्व
- सांस्कृतिक संरक्षण: यह स्थानीय कला और परंपराओं को बचाता है।
- ग्लोबल मार्केटिंग: जीआई टैग वाले उत्पादों का निर्यात आसान होता है।
- कानूनी सुरक्षा: कोई अन्य देश या कंपनी इन उत्पादों की नकल नहीं कर सकती।
टैग भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और कृषि विरासत को संरक्षित करने का एक शक्तिशाली उपकरण है। यह स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करता है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है। सरकार और जागरूक नागरिकों को मिलकर अधिक से अधिक उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास करना चाहिए।
- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON -12/04/2025
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