22 अप्रैल 2025 के प्रमुख समसामयिक घटनाक्रम
1.न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी बने 23वें विधि आयोग के अध्यक्ष
न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी को भारत के 23वें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आयोग विभिन्न संवेदनशील विषयों जैसे समान नागरिक संहिता (UCC) पर सुझाव देगा। आयोग का कार्यकाल 2027 तक रहेगा।
तत्व | विवरण |
अध्यक्ष | न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी |
कार्यकाल | 2024 – 2027 |
प्रमुख विषय | UCC और कानूनी सुधार |
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2.विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस 2025
21 अप्रैल को विश्व स्तर पर रचनात्मकता और नवाचार दिवस मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसका उद्देश्य है नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना, जो सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में मदद करता है। 15 से 21 अप्रैल तक नवाचार सप्ताह भी मनाया जाता है, जिसमें विचारों का आदान-प्रदान और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के कार्यक्रम होते हैं। यह दिवस रचनात्मक सोच को जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने की प्रेरणा देता है।
तत्व | विवरण |
दिनांक | 21 अप्रैल |
आयोजनकर्ता | संयुक्त राष्ट्र |
प्रमुख उद्देश्य | नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना |
3.डेजर्ट फ्लैग-10 में भारत की सहभागिता
भारतीय वायुसेना (IAF) ने 21 अप्रैल से 8 मई 2025 तक आयोजित हो रहे डेजर्ट फ्लैग-10 में भाग लेने के लिए अपने लड़ाकू विमानों की एक टुकड़ी UAE भेजी है। अल धाफरा एयरबेस पर आयोजित इस बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में मिग-29 और जैगुआर जैसे विमान शामिल किए गए हैं, जो भारत की तकनीकी क्षमताओं और रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
तत्व | विवरण |
आयोजन अवधि | 21 अप्रैल – 8 मई 2025 |
स्थान | अल धाफरा, UAE |
विमान | मिग-29, जैगुआर |
4.डीपीएस फ्लेमिंगो झील को संरक्षण आरक्षित घोषित किया गया
महाराष्ट्र ने ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य से जुड़ी डीपीएस फ्लेमिंगो झील को संरक्षण आरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है। यह निर्णय शहरी क्षेत्रों में जैव विविधता और आर्द्रभूमियों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह झील 30 एकड़ में फैली है और प्रवासी फ्लेमिंगो के लिए विश्राम का प्रमुख स्थल है।
तत्व | विवरण |
स्थान | नवी मुंबई |
क्षेत्रफल | 30 एकड़ |
संरक्षण स्थिति | संरक्षण रिजर्व (2025) |
5.अमरावती: पूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा आधारित शहर बनने की दिशा में अग्रसर
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को दुनिया का पहला ऐसा शहर बनाने का लक्ष्य है जो पूर्ण रूप से नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित हो। ₹65,000 करोड़ की लागत से विकसित होने वाला यह शहर 2,700 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखता है। यह परियोजना सतत शहरी विकास का प्रतीक बनेगी।
तत्व | विवरण |
ऊर्जा लक्ष्य | 2,700 मेगावाट |
स्थान | अमरावती, AP |
विशेषता | 100% नवीकरणीय ऊर्जा |
6.GITEX अफ्रीका 2025 में भारत का नेतृत्व
GITEX Africa 2025 मोरक्को के मारकेश में संपन्न हुआ। भारत ने इस आयोजन में नवाचार, स्टार्टअप और डिजिटल नेतृत्व का प्रभावी प्रदर्शन किया। भारत का प्रतिनिधित्व मंत्री श्री जयंती चौधरी ने किया, जिन्होंने पैनल चर्चाओं और स्टार्टअप प्रस्तुतियों में भाग लिया।
तत्व | विवरण |
स्थान | मारकेश, मोरक्को |
प्रतिनिधि | जयंती चौधरी |
उद्देश्य | डिजिटल नवाचार का प्रदर्शन |
7.तेलंगाना भू भारती अधिनियम 2025: भूमि सुधार की दिशा में क्रांति
तेलंगाना सरकार ने नया भू भारती अधिनियम 2025 लागू किया है, जो पारदर्शी और नागरिक अनुकूल भूमि प्रशासन प्रणाली को बढ़ावा देगा। यह अधिनियम पूर्ववर्ती धरनी पोर्टल की खामियों को दूर करता है और स्थानीय भागीदारी को केंद्र में रखता है।
तत्व | विवरण |
अधिनियम | भू भारती अधिनियम 2025 |
उद्देश्य | पारदर्शी भूमि प्रशासन |
विशेषता | विकेंद्रीकरण और नागरिक सहभागिता |
8.INS सुनयना का मोज़ाम्बिक में स्वागत
भारतीय नौसेना का पोत INS सुनयना SAGAR मिशन के अंतर्गत मोजाम्बिक के नाकाला बंदरगाह पर पहुँचा। इस यात्रा का उद्देश्य अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री सहयोग को बढ़ाना है। हाल ही में INS सुनयना ने तंज़ानिया में आयोजित “AIKEYME 25” अभ्यास में भी भाग लिया।
तत्व | विवरण |
पोर्ट कॉल | नाकाला, मोज़ाम्बिक |
मिशन | IOS SAGAR |
भागीदार देश | 9 मित्र देश |
9.पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन
पोप फ्रांसिस, जो पहले लैटिन अमेरिकी और जेसुइट पोप थे, का निधन 88 वर्ष की आयु में हो गया। उन्होंने 2013 में पोप पद संभाला और सामाजिक न्याय, सुधारों और करुणा के लिए विख्यात रहे। उनके निधन से विश्व कैथोलिक समुदाय शोकाकुल है।
तत्व | विवरण |
जन्म | 17 दिसंबर 1936 |
पोप बने | 13 मार्च 2013 |
निधन | अप्रैल 2025 |
10.राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस 2025: एक प्रेरणादायक परंपरा
हर वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। 2025 में यह दिन एक बार फिर देश भर में समारोहों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य देश के प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मान देना और उनकी सेवा भावना को प्रोत्साहित करना है। इसकी शुरुआत 21 अप्रैल 1947 को हुई थी, जब सरदार वल्लभभाई पटेल ने मेटकाफ हाउस, नई दिल्ली में IAS के पहले बैच को संबोधित किया था। उन्होंने अधिकारियों को “भारत का स्टील फ्रेम” कहा था।
तत्व | विवरण |
आयोजन की तिथि | 21 अप्रैल 2025 |
प्रारंभ | 1947, सरदार पटेल के भाषण से |
उद्देश्य | प्रशासनिक सेवाओं का सम्मान |
11.SECL ने भारत में पेस्ट फिल तकनीक से कोयला खनन शुरू किया
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने भारत में पहली बार पेस्ट फिल तकनीक से भूमिगत कोयला खनन शुरू किया है। ₹7040 करोड़ की परियोजना के तहत, यह तकनीक सिंघाली खदान में 25 वर्षों तक लागू की जाएगी, जिससे 8.4 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होगा।
तत्व | विवरण |
तकनीक | पेस्ट फिल खनन |
निवेश | ₹7040 करोड़ |
उत्पादन लक्ष्य | 8.4 मिलियन टन (25 वर्षों में) |
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
विधि आयोग (Law Commission of India) –
विधि आयोग भारत सरकार की एक अर्ध-न्यायिक संस्था है, जिसका उद्देश्य देश में मौजूदा विधियों की समीक्षा करना, आवश्यक सुधारों का सुझाव देना एवं नए कानूनों का निर्माण करना है। यह आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य करता है तथा विधि मंत्रालय के अधीन आता है। इसकी सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं, लेकिन इनमें प्रस्तुत सुझावों का विधायी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है।
इतिहास और स्थापना:
भारत में विधि आयोग की स्थापना की परंपरा ब्रिटिश काल से आरंभ हुई। स्वतंत्र भारत में पहला विधि आयोग वर्ष 1955 में स्थापित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने की थी। तब से अब तक कई विधि आयोग गठित किए जा चुके हैं, जिनमें प्रत्येक आयोग का कार्यकाल लगभग तीन वर्ष का होता है। वर्तमान में यह 22वां विधि आयोग है, जिसकी अधिसूचना फरवरी 2023 में जारी की गई थी।
संरचना:
विधि आयोग का अध्यक्ष एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश होता है, और इसमें एक पूर्णकालिक सदस्य, दो अंशकालिक सदस्य, एवं एक सदस्य सचिव होता है। इसके अतिरिक्त विषय-विशेषज्ञों की सहायता से उप-समितियाँ बनाई जा सकती हैं। आयोग को स्वतंत्रता से कार्य करने का अधिकार प्राप्त है और यह सरकार से प्राप्त संदर्भों के आधार पर या स्वयं की पहल पर भी विषयों का अध्ययन कर सकता है।
कार्य एवं दायित्व:
- वर्तमान कानूनों की समीक्षा करना तथा उन्हें समयानुकूल बनाने हेतु सुझाव देना।
- न्याय प्रणाली को अधिक कुशल, पारदर्शी एवं सुलभ बनाने के लिए उपाय सुझाना।
- नए विधायी ढांचे हेतु मसौदा तैयार करना।
- समाज में उभरते हुए विवादास्पद विषयों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
- कानूनों में अंतर-विरोध, अस्पष्टता या जटिलता को दूर करने के उपाय सुझाना।
महत्व:
विधि आयोग ने भारतीय विधि प्रणाली को अधिक आधुनिक, न्यायसंगत एवं नागरिकों के लिए सुलभ बनाने में अत्यंत योगदान दिया है। इसके द्वारा प्रस्तुत कई रिपोर्टों के आधार पर महत्वपूर्ण कानून बनाए गए हैं जैसे—दहेज निषेध अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम आदि। विधि आयोग के सुझावों के कारण न्याय प्रक्रिया में सुधार एवं न्यायपालिका पर भार कम करने के प्रयास हुए हैं।
विधि आयोग भारत के विधायी ढांचे का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ है। यद्यपि इसकी सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं, फिर भी इसके निष्कर्ष नीति-निर्माताओं को दिशा प्रदान करते हैं। एक उत्तरदायी लोकतंत्र में विधियों का नियमित मूल्यांकन एवं संशोधन आवश्यक है, और इस दिशा में विधि आयोग की भूमिका अत्यंत सराहनीय है।