POPE FRANCIS नहीं रहे: वेटिकन सिटी में हुआ निधन 2025

POPE FRANCIS का निधन: वेटिकन में ईस्टर मंडे को 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस – जीवन, योगदान और वेटिकन सिटी का इतिहास

POPE FRANCIS नहीं रहे: वेटिकन सिटी में हुआ निधन

  • SHUBHAM SONI 
  • DATE-21/04/2025

POPE FRANCIS का जीवन और निधन

8 अप्रैल 2025 को ईस्टर मंडे के दिन, दुनिया भर के कैथोलिक ईसाइयों के लिए एक दुखद समाचार सामने आया। पोप फ्रांसिस, जो कि रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप थे, वेटिकन सिटी स्थित अपने निवास कासा सांता मार्ता में 88 वर्ष की उम्र में चल बसे। वेटिकन ने पुष्टि की कि उनका निधन लंबे समय से चल रही बीमारियों के कारण सुबह 7:35 बजे हुआ। इस दुखद अवसर पर कार्डिनल केविन फैरेल ने वेटिकन के टेलीग्राम चैनल पर एक संदेश जारी कर कहा, “आज सुबह 7:35 बजे, रोम के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस पिता के घर लौट गए।”

POPE FRANCIS का प्रारंभिक जीवन

पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) था। उनका जन्म 17 दिसंबर 1936 को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुआ था। वे रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप और पहले जेसुइट पोप थे। वे एक विनम्र, सरल और जनता से जुड़े नेता के रूप में जाने जाते थे।

पोप फ्रांसिस के प्रमुख योगदान

पोप फ्रांसिस ने 2013 में पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद पोप पद संभाला था। अपने 12 वर्षों के पोपत्व में उन्होंने चर्च में कई सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने समलैंगिक अधिकारों, महिलाओं की भूमिका, पर्यावरण संरक्षण और चर्च में पारदर्शिता जैसे विषयों पर खुलकर आवाज़ उठाई। हालांकि, उनके कई फैसले चर्च के रूढ़िवादी वर्गों के साथ टकराव का कारण बने।

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वेटिकन सिटी की जानकारी

वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र राष्ट्र है जो इटली की राजधानी रोम के भीतर स्थित है। यह रोमन कैथोलिक चर्च का आधिकारिक केंद्र है और यहां पोप का निवास होता है। वेटिकन सिटी को 1929 में लेटरन संधि के तहत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी। यहां स्थित सेंट पीटर्स बेसिलिका, सिस्टिन चैपल, और वेटिकन म्यूजियम्स विश्व प्रसिद्ध हैं।

POPE FRANCIS की स्वास्थ्य स्थिति

पिछले कुछ वर्षों में पोप फ्रांसिस की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और चलने-फिरने में भी कठिनाई होती थी। वे कई बार व्हीलचेयर का सहारा लेते देखे गए। उन्हें डायवर्टीकुलाइटिस, घुटनों में दर्द और श्वसन समस्याओं से जूझना पड़ा।

POPE FRANCIS का दर्शन और विचारधारा

पोप फ्रांसिस चर्च के परंपरागत ढांचे को मानवता के अधिक निकट लाने के पक्षधर थे। उन्होंने बार-बार यह कहा कि चर्च को गरीबों, वंचितों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने “लौदातो सी” नामक एनसाइक्लिकल पत्र के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को एक धार्मिक कर्तव्य बताया।

श्रेणीविवरण
पूरा नामजॉर्ज मारियो बर्गोलियो
जन्म17 दिसंबर 1936, ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना
पोप पद ग्रहण13 मार्च 2013
निधन8 अप्रैल 2025, वेटिकन सिटी
उम्र88 वर्ष
निवासकासा सांता मार्ता, वेटिकन सिटी
प्रमुख उपाधियाँ266वें पोप, रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख
प्रमुख कार्यक्षेत्रसामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, चर्च सुधार
चर्च में प्रमुख बदलावLGBTQ अधिकारों पर सहानुभूति, महिला सहभागिता में वृद्धि
अंतिम वक्तव्य (Vatican)“आज सुबह 7:35 बजे रोम के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस पिता के पास लौटे”

विश्व भर की प्रतिक्रिया-

POPE FRANCIS के निधन की खबर से दुनिया भर के कैथोलिक अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं। अर्जेंटीना, इटली, अमेरिका और भारत सहित अनेक देशों के नेताओं और धार्मिक समुदायों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

POPE FRANCIS ने अपने कार्यकाल में एक ऐसे चर्च की नींव रखी जो आधुनिकता को स्वीकारते हुए भी अपनी आध्यात्मिकता को बनाए रखने का प्रयास करता है। उन्होंने अपने व्यवहार, विनम्रता और खुले दृष्टिकोण से करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनका जाना केवल कैथोलिक समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक बड़ी क्षति है।

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