- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-13/05/2025
S-400 रूस की अल्माज़-एंटेई कंपनी द्वारा विकसित एक लॉन्ग-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) सिस्टम है। यह 400 किमी तक की दूरी पर हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है और इसमें रडार, मिसाइल लॉन्चर और कमांड-कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें-
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
SIRONJ | ₹96180 | ₹96950 |
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 13/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 13/05/2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
DELHI | ₹98290 | ₹90125 | ₹99800 |
MUMBAI | ₹96840 | ₹88700 | ₹99800 |
CHENNAI | ₹98290 | ₹90125 | ₹110000 |
KOLKATA | ₹98290 | ₹90125 | ₹99600 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
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भारत ने रूस से S-400 ट्रायम्फ मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है, जो दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस लेख में हम S-400 सिस्टम की विस्तृत जानकारी, इसकी विशेषताएँ, भारत के लिए इसका महत्व और चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
S-400 मिसाइल सिस्टम क्या है?
S-400 रूस की अल्माज़-एंटेई कंपनी द्वारा विकसित एक लॉन्ग-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) सिस्टम है। यह 400 किमी तक की दूरी पर हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है और इसमें रडार, मिसाइल लॉन्चर और कमांड-कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं। यह एंटी-एयरक्राफ्ट, एंटी-मिसाइल और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन्स के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- SOURCE – YOUTUBE
S-400 की मुख्य विशेषताएँ
लंबी दूरी की मारक क्षमता:
S-400 सिस्टम 40 किमी से 400 किमी तक के टारगेट को भेद सकता है।
यह 30,000 मीटर (98,400 फीट) तक की ऊँचाई पर उड़ने वाले विमानों और मिसाइलों को मार गिरा सकता है।
मल्टी-टारगेट इंटरसेप्शन:
एक साथ 72 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है और 36 मिसाइलें एक साथ दाग सकता है।
एडवांस्ड रडार सिस्टम:
S-400 में 91N6E सर्च रडार और 92N6E फायर कंट्रोल रडार लगा है, जो स्टील्थ विमानों को भी पकड़ सकता है।
अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें:
40N6 (400 किमी रेंज) – लंबी दूरी के लिए।
48N6 (250 किमी रेंज) – मीडियम रेंज।
9M96 (120 किमी रेंज) – छोटी दूरी के लिए।
मोबाइल और फ्लेक्सिबल:
S-400 जल्दी तैनात किया जा सकता है और यह एलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) के खिलाफ सुरक्षित है।
भारत के लिए S-400 का महत्व
चीन और पाकिस्तान के खिलाफ बेहतर सुरक्षा:
भारत की सीमाएँ चीन और पाकिस्तान से लगी हैं, जिनके पास बैलिस्टिक मिसाइलें और स्टील्थ टेक्नोलॉजी है। S-400 इन खतरों को कम करेगा।
एयर डोमिनेंस:
S-400 सिस्टम भारतीय वायुसेना को एयर सुपीरियोरिटी देगा, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।
अमेरिका के साथ तनाव के बावजूद खरीद:
अमेरिका ने भारत पर CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, लेकिन भारत ने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
चुनौतियाँ
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण डिलीवरी में देरी:
भारत को पहली यूनिट 2021 में मिलनी थी, लेकिन युद्ध के कारण रूस की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई।
अमेरिकी प्रतिबंधों का जोखिम:
अमेरिका ने तुर्की पर S-400 खरीदने के लिए प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन भारत के साथ रणनीतिक संबंधों के कारण ऐसा नहीं हुआ।
S-400 भारत की वायु रक्षा प्रणाली को एक नया आयाम देगा। यह न केवल पड़ोसी देशों के खतरों को कम करेगा, बल्कि भारत को एक शक्तिशाली रक्षा शक्ति के रूप में भी स्थापित करेगा। हालाँकि, इसकी तैनाती और रखरखाव में तकनीकी और राजनीतिक चुनौतियाँ हैं, लेकिन भारत ने अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
S-400 सौदा भारत-रूस रक्षा साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भविष्य में भारत की सैन्य ताकत को और मजबूती प्रदान करेगा। 🚀
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