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CHINA-USA TARIFF WAR : दुर्लभ धातुओं पर नए नियम, क्या होगा असर?

CHINA-USA TARIFF WAR

चीन ने अमेरिकी टैरिफ को ‘आर्थिक धौंस’ बताया: “दबाव और धमकियां समाधान नहीं”

चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी CHINA-USA TARIFF WAR

चीन ने सोमवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि “धमकियां और दबाव डालना समस्याओं का समाधान नहीं है।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने चीनी सामानों पर 34% का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। चीन ने भी जवाब में अमेरिकी सामानों पर 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि “अमेरिका अपने फायदे के लिए दूसरे देशों का नुकसान कर रहा है। यह एकतरफा और संरक्षणवादी रवैया है।”

CHINA-USA TARIFF WAR की शुरुआत कैसे हुई?

चीन ने दुर्लभ धातुओं पर लगाए नए नियम

चीन ने अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए दुर्लभ धातुओं (Rare Earth Metals) के निर्यात पर नए नियम लागू किए हैं। ये धातुएं कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और हथियार बनाने में इस्तेमाल होती हैं, जैसे:

चीन दुनिया का 80% Rare Earth Metals सप्लाई करता है, इसलिए CHINA-USA TARIFF WAR अमेरिका के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

CHINA-USA TARIFF WAR का असर

देश टैरिफ दर प्रभावित उत्पाद
अमेरिका    34%   स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल
चीन    34%  कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल, मशीनरी

इस CHINA-USA TARIFF WAR से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने चेतावनी दी है कि इससे ग्लोबल ट्रेड पर बुरा असर पड़ेगा।

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निष्कर्ष

CHINAUSA TARIFF WAR  लगातार बढ़ रहा है। अगर दोनों देश समझौते पर नहीं पहुंचे, तो वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ सकता है। क्या यह नया कोल्ड वॉर बन जाएगा? समय बताएगा।

क्या आपको लगता है कि CHINA-USA TARIFF WAR जल्द खत्म होगा? कमेंट में बताएं!

CHINA-USA TARIFF WAR ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। 2025 में यह संघर्ष और तेज हो सकता है, जिससे कई प्रमुख उद्योग प्रभावित होंगे। आइए जानते हैं कि कौन-से प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को क्या नुकसान हो सकता है।

1. इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग

🔹 प्रभावित सामान: स्मार्टफोन, कंप्यूटर चिप्स, AI टेक्नोलॉजी
🔹 चीन का निर्यात: अमेरिका को हर साल $150 बिलियन+ का इलेक्ट्रॉनिक सामान
🔹 अमेरिकी प्रतिबंध: चिप निर्यात पर रोक (जैसे TSMC, SMIC को प्रतिबंध)

2. इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी उद्योग

🔹 प्रभावित सामान: टेस्ला कारें, लिथियम बैटरी, चार्जिंग स्टेशन
🔹 चीन का नियंत्रण: दुनिया की 80% EV बैटरी चीन बनाता है।
🔹 अमेरिकी टैरिफ: चीनी EVs पर 100% अतिरिक्त शुल्क (मई 2024 से)

3. दुर्लभ खनिज (Rare Earth Minerals)

🔹 चीन का वर्चस्व: 90% दुर्लभ धातुओं (Neodymium, Lithium) का उत्पादन
🔹 अमेरिकी निर्भरता: डिफेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, हाई-टेक गैजेट्स के लिए जरूरी

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4. फार्मास्यूटिकल और मेडिकल उपकरण

  • चीन का निर्यात: अमेरिका को $30 बिलियन+ का मेडिकल सामान (सुई, दवाएं, सर्जिकल उपकरण)
    अमेरिकी टैरिफ: 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया
  • क्या होगा असर?
  • अमेरिका में दवाओं और हॉस्पिटल उपकरणों की कीमतें बढ़ेंगी
  • भारत और यूरोप को चीनी मेडिकल एक्सपोर्ट बढ़ेगा
  • हाल की खबर: अमेरिका ने फार्मा कंपनियों को चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत और यूरोप से डील बढ़ाई।

5. कृषि उत्पाद CHINA-USA TARIFF WAR (सोयाबीन, मक्का, पोर्क)

  •  अमेरिका का निर्यात: चीन को $40 बिलियन+ का कृषि सामान
    चीन का जवाब: अमेरिकी सोयाबीन पर 35% टैरिफ
  • क्या होगा असर?
  • अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान, क्योंकि चीन ब्राजील और रूस से सोयाबीन खरीदेगा।
  • चीन में पोर्क और मक्का महंगा होगा
  •  हाल की खबर: चीन ने अमेरिकी पोर्क आयात पर रोक लगाई, जिससे अमेरिकी किसानों को $2 बिलियन+ का नुकसान हुआ।
  • निष्कर्ष: कौन होगा ज्यादा प्रभावित?
क्षेत्र अमेरिका पर असर चीन पर असर
इलेक्ट्रॉनिक्स  गैजेट्स महंगे होंगे टेक कंपनियों को नुकसान
EV और बैटरी  टेस्ला की बिक्री घटेगी यूरोप/भारत को एक्सपोर्ट बढ़ेगा
दुर्लभ खनिज  हथियार उद्योग प्रभावित चीन का एकाधिकार बढ़ेगा
फार्मा  दवाएं महंगी होंगी भारत/यूरोप को फायदा
कृषि  किसानों को नुकसान खाद्य महंगाई बढ़ेगी

 

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