चीन ने अमेरिकी टैरिफ को ‘आर्थिक धौंस’ बताया: “दबाव और धमकियां समाधान नहीं”
चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी CHINA-USA TARIFF WAR:
चीन ने सोमवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि “धमकियां और दबाव डालना समस्याओं का समाधान नहीं है।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने चीनी सामानों पर 34% का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। चीन ने भी जवाब में अमेरिकी सामानों पर 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि “अमेरिका अपने फायदे के लिए दूसरे देशों का नुकसान कर रहा है। यह एकतरफा और संरक्षणवादी रवैया है।”
CHINA-USA TARIFF WAR की शुरुआत कैसे हुई?
- फरवरी-मार्च 2024 में अमेरिका ने चीनी सामानों पर 10% टैरिफ लगाया, जिसका कारण चीन का फेंटेनाइल (एक खतरनाक ड्रग) संकट में शामिल होना बताया गया।
- 2 अप्रैल 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी सामानों पर 34% टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया।
- जवाब में चीन ने भी 12 अप्रैल से अमेरिकी सामानों पर 34% अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया।
चीन ने दुर्लभ धातुओं पर लगाए नए नियम
चीन ने अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए दुर्लभ धातुओं (Rare Earth Metals) के निर्यात पर नए नियम लागू किए हैं। ये धातुएं कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और हथियार बनाने में इस्तेमाल होती हैं, जैसे:
- समैरियम (Samarium) – एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग में उपयोग।
- गैडोलिनियम (Gadolinium) – MRI स्कैन और मेडिकल उपकरणों में प्रयोग।
चीन दुनिया का 80% Rare Earth Metals सप्लाई करता है, इसलिए CHINA-USA TARIFF WAR अमेरिका के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
CHINA-USA TARIFF WAR का असर
देश | टैरिफ दर | प्रभावित उत्पाद |
---|---|---|
अमेरिका | 34% | स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल |
चीन | 34% | कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल, मशीनरी |
इस CHINA-USA TARIFF WAR से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने चेतावनी दी है कि इससे ग्लोबल ट्रेड पर बुरा असर पड़ेगा।
हाल की अन्य महत्वपूर्ण खबरें
- यूरोपीय संघ (EU) ने भी चीन की इलेक्ट्रिक कारों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी की है।
- भारत ने चीनी सामानों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी बढ़ाई है, जिससे स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हुए हैं।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पहले ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, और अब यह टैरिफ युद्ध स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
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निष्कर्ष
CHINA–USA TARIFF WAR लगातार बढ़ रहा है। अगर दोनों देश समझौते पर नहीं पहुंचे, तो वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ सकता है। क्या यह नया कोल्ड वॉर बन जाएगा? समय बताएगा।
क्या आपको लगता है कि CHINA-USA TARIFF WAR जल्द खत्म होगा? कमेंट में बताएं!
CHINA-USA TARIFF WAR ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। 2025 में यह संघर्ष और तेज हो सकता है, जिससे कई प्रमुख उद्योग प्रभावित होंगे। आइए जानते हैं कि कौन-से प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को क्या नुकसान हो सकता है।
1. इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग
🔹 प्रभावित सामान: स्मार्टफोन, कंप्यूटर चिप्स, AI टेक्नोलॉजी
🔹 चीन का निर्यात: अमेरिका को हर साल $150 बिलियन+ का इलेक्ट्रॉनिक सामान
🔹 अमेरिकी प्रतिबंध: चिप निर्यात पर रोक (जैसे TSMC, SMIC को प्रतिबंध)2. इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी उद्योग
🔹 प्रभावित सामान: टेस्ला कारें, लिथियम बैटरी, चार्जिंग स्टेशन
🔹 चीन का नियंत्रण: दुनिया की 80% EV बैटरी चीन बनाता है।
🔹 अमेरिकी टैरिफ: चीनी EVs पर 100% अतिरिक्त शुल्क (मई 2024 से)
3. दुर्लभ खनिज (Rare Earth Minerals)
🔹 चीन का वर्चस्व: 90% दुर्लभ धातुओं (Neodymium, Lithium) का उत्पादन
🔹 अमेरिकी निर्भरता: डिफेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, हाई-टेक गैजेट्स के लिए जरूरी
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4. फार्मास्यूटिकल और मेडिकल उपकरण
- चीन का निर्यात: अमेरिका को $30 बिलियन+ का मेडिकल सामान (सुई, दवाएं, सर्जिकल उपकरण)
अमेरिकी टैरिफ: 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया- क्या होगा असर?
- अमेरिका में दवाओं और हॉस्पिटल उपकरणों की कीमतें बढ़ेंगी।
- भारत और यूरोप को चीनी मेडिकल एक्सपोर्ट बढ़ेगा।
- हाल की खबर: अमेरिका ने फार्मा कंपनियों को चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत और यूरोप से डील बढ़ाई।
5. कृषि उत्पाद CHINA-USA TARIFF WAR (सोयाबीन, मक्का, पोर्क)
- अमेरिका का निर्यात: चीन को $40 बिलियन+ का कृषि सामान
चीन का जवाब: अमेरिकी सोयाबीन पर 35% टैरिफ- क्या होगा असर?
- अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान, क्योंकि चीन ब्राजील और रूस से सोयाबीन खरीदेगा।
- चीन में पोर्क और मक्का महंगा होगा।
- हाल की खबर: चीन ने अमेरिकी पोर्क आयात पर रोक लगाई, जिससे अमेरिकी किसानों को $2 बिलियन+ का नुकसान हुआ।
- निष्कर्ष: कौन होगा ज्यादा प्रभावित?
क्षेत्र अमेरिका पर असर चीन पर असर इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स महंगे होंगे टेक कंपनियों को नुकसान EV और बैटरी टेस्ला की बिक्री घटेगी यूरोप/भारत को एक्सपोर्ट बढ़ेगा दुर्लभ खनिज हथियार उद्योग प्रभावित चीन का एकाधिकार बढ़ेगा फार्मा दवाएं महंगी होंगी भारत/यूरोप को फायदा कृषि किसानों को नुकसान खाद्य महंगाई बढ़ेगी