Forex Reserves,26/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES

Forex Reserves,26/05/2025 GOLD AND SILVER PRICESForex Reserves,26/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES

  • SHUBHAM SONI 
  • PUBLISHED ON-26/05/2025

विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) किसी देश के केंद्रीय बैंक (भारत में RBI) के पास रखी गई विदेशी मुद्रा, सोना, SDR (विशेष आहरण अधिकार) और IMF के पास जमा राशि का कुल भंडार होता है।

आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें-

CITYGOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMSSILVER PRICES (WITH GST) PER KG
SIRONJ₹98840₹100990
यह  चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो  आज 26/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES  जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
  • सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
  • इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
  • इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
  • यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
  • GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
  • इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 26/05/2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:-
CITY24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS    SILVER (GST PRICE) PER KG
DELHI₹100980₹92590₹100960
MUMBAI₹98920₹90610₹100960
CHENNAI₹100980₹92590₹111000
KOLKATA₹100980₹92590₹101020
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-

1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव

  • GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।

2. डॉलर की कीमत

  • चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।

3. मांग और आपूर्ति

  • यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।

4. मुद्रास्फीति (महंगाई)

  • महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।

Daily Dose 

में हम आपको मौजूदा समय के प्रसिद्ध  शब्दों को हिंदी और सरल भाषा में समझाते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) –

विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) किसी देश के केंद्रीय बैंक (भारत में RBI) के पास रखी गई विदेशी मुद्रा, सोना, SDR (विशेष आहरण अधिकार) और IMF के पास जमा राशि का कुल भंडार होता है। यह देश की आर्थिक स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय भुगतान क्षमता को दर्शाता है।

भारत के Forex Reserves के मुख्य घटक- 

घटकविवरण
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (Foreign Currency Assets – FCA)अमेरिकी डॉलर (USD), यूरो (EUR), पाउंड (GBP), येन (JPY) जैसी मुद्राएँ।
सोने का भंडार (Gold Reserves)RBI के पास रखा भौतिक सोना और स्वर्ण बॉन्ड।
SDR (Special Drawing Rights)IMF द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिजर्व संपत्ति।
IMF के पास रिजर्व पोजीशन (Reserve Tranche Position)IMF में भारत की जमा राशि जिसे आपातकाल में निकाला जा सकता है।

 

Forex Reserves  का महत्व –

1. आयातों का भुगतान (Import Cover)

  • Forex Reserves देश को आवश्यक आयात (तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी) के लिए भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
  • पर्याप्त भंडार होने से आर्थिक संकट के समय बाहरी झटकों (External Shocks) से बचाव होता है।

2. रुपये की स्थिरता (Currency Stability)

  • RBI विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की बिक्री/खरीद करके रुपये के मूल्य को स्थिर रखता है।

  • उदाहरण: यदि रुपया गिर रहा है, तो RBI डॉलर बेचकर रुपये की कीमत सहारा देता है।

3. विदेशी ऋण चुकाने की क्षमता (External Debt Servicing)

  • भारत को विदेशी संस्थाओं (जैसे IMF, विश्व बैंक) और FIIs को ऋण चुकाने के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है।

4. निवेशकों का विश्वास (Investor Confidence)

  • उच्च Forex भंडार विदेशी निवेशकों (FIIs, FDIs) को आकर्षित करता है, क्योंकि यह देश की आर्थिक मजबूती दिखाता है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का वर्तमान परिदृश्य (Current Status)

  • मार्च 2024 तक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ~$650 बिलियन (लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये) था।
  • यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा Forex भंडार है (चीन, जापान और स्विट्ज़रलैंड के बाद)।

Forex Reserves बढ़ाने के स्रोत –

  1. निर्यात आय (Exports) – सॉफ्टवेयर, दवाएँ, पेट्रोलियम उत्पादों से विदेशी मुद्रा प्राप्ति।
  2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – कंपनियों द्वारा भारत में निवेश।
  3. पोर्टफोलियो निवेश (FPI/FII) – स्टॉक मार्केट और बॉन्ड में निवेश।
  4. NRI जमाएँ (NRI Deposits) – विदेशों में रह रहे भारतीयों की बचत।

विदेशी मुद्रा भंडार भारतीय अर्थव्यवस्था की “सुरक्षा कवच” की तरह काम करता है। यह आर्थिक संकटों, मुद्रा अस्थिरता और बाहरी झटकों से बचाव करता है। RBI और सरकार द्वारा इसे बनाए रखने के लिए निर्यात बढ़ाने, FDI आकर्षित करने और मौद्रिक नीतियों का सहारा लिया जाता है।

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