DATE-29/12/2024 SSONI
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो Gold and Silver Prices 29 DEC 2024 जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER LATEST PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- GOLD और SILVER के PRICES हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- सोने और चांदी की कीमतों में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज के GOLD AND SILVER PRICES दिए गए हैं:
दिल्ली:
- 24 कैरेट GOLD PRICES: ₹80149 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹73491 प्रति 10 ग्राम
- चाँदी: ₹91548 प्रति किलोग्राम
- WITHOUT GST PRICES
मुंबई:
- 24 कैरेट सोना: ₹78702 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹72091 प्रति 10 ग्राम
- चाँदी: ₹91548 प्रति किलोग्राम
- WITHOUT GST PRICES
चेन्नई:
- 24 कैरेट सोना: ₹80149 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹73491 प्रति 10 ग्राम
- SILVER PRICES: ₹100000 प्रति किलोग्राम
- WITHOUT GST PRICES
कोलकाता:
- 24 कैरेट GOLD PRICES: ₹80149 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट GOLD PRICES: ₹73491 प्रति 10 ग्राम
- SILVER PRICES: ₹88882 प्रति किलोग्राम
- WITHOUT GST PRICES
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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सोने और चांदी के दाम कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- सोने और चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (Inflation)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
मुद्रास्फीति (Inflation) एक आर्थिक स्थिति है जिसमें समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती जाती हैं, जिससे मुद्रा की क्रय शक्ति (खरीदने की क्षमता) कम हो जाती है। इसे सरल भाषा में समझें तो मुद्रास्फीति तब होती है जब हम पहले जितने पैसों में जो चीजें खरीद सकते थे, अब उतनी ही चीजों के लिए हमें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
मुद्रास्फीति के प्रमुख कारण
- मांग-खींच मुद्रास्फीति (Demand-Pull Inflation): जब बाजार में किसी विशेष वस्तु या सेवा की मांग बढ़ जाती है, लेकिन उसकी आपूर्ति उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाती, तो उसकी कीमतें बढ़ने लगती हैं।
- मूल्य-संचालित मुद्रास्फीति (Cost-Push Inflation): जब वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं महंगी हो जाती हैं (जैसे कि कच्चा तेल, कच्चे माल आदि), तो इसका असर अंतिम उत्पादों की कीमतों पर पड़ता है, जिससे महंगाई बढ़ती है।
- मुद्रा की आपूर्ति में वृद्धि: अगर बाजार में ज्यादा पैसा आ जाता है लेकिन सामान और सेवाएं उतनी नहीं बढ़तीं, तो इसकी वजह से भी महंगाई बढ़ने लगती है।
मुद्रास्फीति के प्रकार
- हल्की मुद्रास्फीति (Creeping Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर बहुत कम हो (जैसे 2-3% प्रति वर्ष), तो इसे हल्की मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- चलती मुद्रास्फीति (Walking Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर मध्यम हो (जैसे 3-10%), तो इसे चलती मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- अत्यधिक मुद्रास्फीति (Galloping Inflation): जब मुद्रास्फीति की दर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है (10% से अधिक), तो इसे अत्यधिक मुद्रास्फीति कहा जाता है।
- हाइपरइन्फ्लेशन (Hyperinflation): जब मुद्रास्फीति बेकाबू हो जाती है और कीमतें हर दिन या हर घंटे तेजी से बढ़ती हैं। यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति होती है।
मुद्रास्फीति के प्रभाव
- बचत पर असर: मुद्रास्फीति के कारण धन की क्रय शक्ति घटने से बचत का मूल्य कम हो जाता है।
- निवेश पर प्रभाव: मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे निवेश महंगा हो जाता है।
- वेतन और आय पर असर: अगर मुद्रास्फीति अधिक हो और आय उसी अनुपात में नहीं बढ़े, तो लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति घट जाती है।
- आर्थिक अस्थिरता: अत्यधिक मुद्रास्फीति से देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है, जिससे व्यापार और निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुद्रास्फीति की माप
भारत में मुद्रास्फीति को मुख्य रूप से दो सूचकांकों द्वारा मापा जाता है:
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI): यह उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है, जो आमतौर पर उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाती हैं।
- थोक मूल्य सूचकांक (WPI): यह थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।