ISRAEL-USA TRADE DEAL 2025 दुनिया के सबसे मजबूत आर्थिक और रणनीतिक साझेदारियों में से एक हैं। 2024 में अमेरिका के साथ इजरायल का व्यापार घाटा 7.4 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.6% अधिक है। हाल ही में अमेरिका द्वारा 17% टैरिफ लगाए जाने के बाद, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ISRAEL-USA TRADE DEAL में मुलाकात कर इस घाटे को जल्द खत्म करने का वादा किया। अमेरिका इजरायल को सालाना 3.8 अरब डॉलर की सैन्य सहायता भी प्रदान करता है, जो दोनों देशों के विशेष संबंधों को दर्शाता है। इजरायल अपने हाई-टेक और फार्मास्यूटिकल निर्यात को बढ़ाकर अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन सुधारने का प्रयास कर रहा है।
- इजरायल ने अमेरिका के साथ व्यापार घाटा खत्म करने का वादा किया – प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने टैरिफ तनाव के बीच घाटा कम करने की बात कही।
- ट्रम्प के टैरिफ नीति का वैश्विक प्रभाव – अमेरिका ने इजरायल सहित कई देशों पर टैरिफ लगाया, जिससे शेयर बाजारों में गिरावट आई।
- वैश्विक बाजारों पर असर – एशिया से लेकर अमेरिका तक शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
- इजरायल-अमेरिका व्यापार संबंध – 2024 में अमेरिका के साथ इजरायल का व्यापार घाटा $7.4 बिलियन था।
1. नेतन्याहू और ट्रम्प की बैठक का मुख्य उद्देश्य
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ISRAEL-USA TRADE DEAL को लेकर व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इस दौरान नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल, अमेरिका के साथ अपने व्यापार घाटे को जल्द से जल्द खत्म कर देगा। उन्होंने कहा – “हम टैरिफ को हटा देंगे और यह बहुत तेजी से होगा। हम अनावश्यक व्यापार बाधाओं को दूर करेंगे।”
- इजरायल पर अमेरिका का टैरिफ – 17%
- 2024 में अमेरिका-इजरायल व्यापार घाटा – $7.4 बिलियन (2023 की तुलना में 8.6% अधिक)
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजरायल, अन्य देशों के लिए ISRAEL-USA TRADE DEAL एक मॉडल बन सकता है ताकि वे भी अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन बना सकें।
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2. ट्रम्प की टैरिफ नीति और वैश्विक प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कई देशों पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिसमें इजरायल भी शामिल है। इस नीति का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना है, लेकिन इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।इसका ISRAEL-USA TRADE DEAL असर भी पड़ेगा।
वैश्विक बाजारों पर प्रभाव (Global Market Impact)
- शंघाई कम्पोजिट – 8% गिरावट
- हांगकांग का हेंग सेंग इंडेक्स – 13% गिरा
- जापान का निक्केई 225 – 7.8% की गिरावट
- अमेरिकी बाजार (डॉव जोन्स) – 750 अंक (2%) की गिरावट
एक गलत खबर के कारण बाजारों में थोड़ी रिकवरी आई थी, जिसमें कहा गया था कि ट्रम्प अपनी टैरिफ योजना को रोकने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, बाद में यह खबर गलत साबित हुई।
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3. इजरायल-अमेरिका व्यापार संबंध (Israel-US Trade Relations)
अमेरिका और इजरायल के बीच मजबूत राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। अमेरिका, इजरायल को सालाना सैन्य सहायता के रूप में $3.8 बिलियन देता है।
मुख्य व्यापारिक आंकड़े (ISRAEL-USA TRADE DEAL)
वर्ष | अमेरिका-इजरायल व्यापार घाटा (बिलियन डॉलर में) |
---|---|
2023 | 6.813 |
2024 | 7.400 (8.6% वृद्धि) |
- इजरायल का निर्यात – फार्मास्यूटिकल्स, हाई-टेक उपकरण, सैन्य सामग्री
- अमेरिका का निर्यात – कृषि उत्पाद, ऊर्जा, रक्षा उपकरण
ट्रम्प ने पूछे जाने पर कि क्या वह इजरायल के टैरिफ दरों पर पुनर्विचार करेंगे (ISRAEL-USA TRADE DEAL को लेकर)
, तो उन्होंने कहा – “शायद हाँ, शायद नहीं। हम जेरूसलम (इजरायल) की बहुत मदद करते हैं।”
4. अन्य देशों की प्रतिक्रिया (Global Reactions)
ट्रम्प की टैरिफ नीति से चीन, यूरोपीय संघ और जापान जैसे प्रमुख व्यापारिक भागीदार नाराज हैं। कई देश प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
- चीन – अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी।
- यूरोपीय संघ – अमेरिकी कारों और कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- भारत – अमेरिकी आयातों पर 50-100% अतिरिक्त शुल्क लगाने की संभावना जताई गई है।
इजरायल ने अमेरिका के साथ व्यापार घाटा कम करके ISRAEL-USA TRADE DEAL को और मजबूत करने का बड़ा कदम उठाया है।, वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। हालांकि, ट्रम्प की टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा बढ़ गया है, जिसका असर दुनिया भर के बाजारों पर देखने को मिल रहा है। अगर इजरायल अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है, तो यह अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
अमेरिकी टैरिफ का वैश्विक प्रभाव
क) चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर (2018-अब तक)
- अमेरिका ने चीन पर $550 बिलियन के सामान पर टैरिफ लगाया।
- चीन ने जवाब में अमेरिकी कृषि उत्पादों (सोयाबीन, पोर्क) पर टैरिफ बढ़ाए।
- परिणाम: वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित, महंगाई बढ़ी।
ख) यूरोपीय संघ के साथ तनाव
- अमेरिका ने यूरोपीय कारों और वाइन पर अतिरिक्त शुल्क लगाए।
- यूरोप ने अमेरिकी हार्ले-डेविडसन बाइक्स और व्हिस्की पर जवाबी टैरिफ लगाया।
ग) भारत पर प्रभाव
- भारत से फार्मा, आईटी और हीरे-जवाहरात के निर्यात पर टैरिफ बढ़ा।
- भारत ने अमेरिकी सेब और अखरोट पर शुल्क बढ़ाकर जवाब दिया।
4. भविष्य की संभावनाएँ
- चिप्स एक्ट (2022): अमेरिका सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है ताकि चीन पर निर्भरता कम हो।
- यूरोप के साथ सौदे: बाइडेन प्रशासन टैरिफ मुक्त व्यापार समझौते की कोशिश कर रहा है।
- भारत-अमेरिका संबंध: दोनों देश रक्षा और टेक्नोलॉजी में सहयोग बढ़ा रहे हैं, लेकिन व्यापार तनाव बना हुआ है।
अमेरिका की टैरिफ नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है। जहाँ एक ओर यह अमेरिकी उद्योगों को बचाने का प्रयास है, वहीं इससे व्यापार युद्ध और महंगाई का खतरा भी बढ़ा है। भविष्य में, अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करने और यूरोप-भारत के साथ संतुलन बनाने पर ध्यान देगा।
अमेरिका और इज़राइल के बीच व्यापारिक संबंध दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी मजबूत और विशेष हैं। दोनों देशों के बीच 1985 में मुक्त व्यापार समझौता (US-Israel Free Trade Agreement – FTA) हुआ, जो अमेरिका का किसी देश के साथ पहला ISRAEL-USA TRADE DEAL था। इस ISRAEL-USA TRADE DEAL के तहत दोनों देशों के बीच अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ और व्यापार बाधाएं खत्म हो गईं, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में भारी वृद्धि हुई। अमेरिका, इज़राइल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि इज़राइल भी अमेरिका के लिए मध्य पूर्व में एक प्रमुख आर्थिक सहयोगी है।
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