- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-14/05/2025
मेक इन इंडिया (Make in India) भारत सरकार की एक प्रमुख राष्ट्रीय पहल है, जिसकी शुरुआत 25 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें-
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
SIRONJ | ₹96950 | ₹99830 |
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 14/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 14/05/2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
DELHI | ₹98930 | ₹90692 | ₹99400 |
MUMBAI | ₹96700 | ₹88600 | ₹99400 |
CHENNAI | ₹98900 | ₹90700 | ₹109000 |
KOLKATA | ₹98900 | ₹90700 | ₹99200 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
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में हम आपको मौजूदा समय के प्रसिद्ध शब्दों को हिंदी और सरल भाषा में समझाते हैं।
मेक इन इंडिया (Make in India) –
1. परिचय एवं पृष्ठभूमि
मेक इन इंडिया (Make in India) भारत सरकार की एक प्रमुख राष्ट्रीय पहल है, जिसकी शुरुआत 25 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। Make in India का प्राथमिक उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब (Global Manufacturing Hub) के रूप में स्थापित करना तथा आत्मनिर्भर भारत (Self-Reliant India) की दिशा में कदम बढ़ाना है।
ऐतिहासिक संदर्भ
- 2014 से पहले, भारत का विनिर्माण क्षेत्र जीडीपी का केवल 15-16% योगदान देता था, जबकि चीन जैसे देशों में यह 25-30% था।
- “लाइसेंस राज” और जटिल नियमों के कारण विदेशी निवेशकों को भारत में उद्योग स्थापित करने में दिक्कतें आती थीं।
- Make in India को “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” (व्यवसाय में सुगमता) और “स्किल इंडिया” जैसी योजनाओं के साथ जोड़ा गया।
2. Make in India के प्रमुख उद्देश्य-
उद्देश्य | विवरण | महत्व |
विनिर्माण क्षेत्र का विकास | 2022 तक विनिर्माण क्षेत्र का जीडीपी में 25% योगदान लक्षित किया गया। | भारत को $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में मदद। |
रोजगार सृजन | 10 करोड़+ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य, विशेषकर युवाओं और कुशल श्रमिकों के लिए। | डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाना। |
FDI आकर्षित करना | रक्षा, रेलवे, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में FDI लिमिट बढ़ाई गई (उदा. रक्षा क्षेत्र में 74% तक)। | Apple, Samsung, Foxconn जैसी कंपनियों ने भारत में उत्पादन शुरू किया। |
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार | इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, स्मार्ट सिटी, भारतमाला प्रोजेक्ट जैसी योजनाएँ शुरू की गईं। | लॉजिस्टिक्स लागत घटाना और निर्यात बढ़ाना। |
नवाचार को बढ़ावा | स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया के साथ समन्वय। | 5G, सेमीकंडक्टर, ड्रोन टेक्नोलॉजी में प्रगति। |
3. Make in India के प्रमुख क्षेत्र एवं उपलब्धियाँ-
(A) चयनित 25 प्रमुख क्षेत्र
- ऑटोमोबाइल – भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स – PLI स्कीम के तहत मोबाइल फोन निर्माण में 300% वृद्धि।
- रक्षा उत्पादन – आत्मनिर्भरता बढ़ी, जैसे तेजस लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल।
- फार्मास्यूटिकल्स – “वर्ल्ड्स फार्मेसी” के रूप में उभरा, COVID काल में वैक्सीन निर्यात।
(B) प्रमुख उपलब्धियाँ
- 2023 तक भारत में विनिर्माण क्षेत्र का आकार $1 ट्रिलियन पहुँचने का अनुमान।
- Apple ने भारत में iPhone 15 का उत्पादन शुरू किया।
- सेमीकंडक्टर मिशन ($10 बिलियन प्रोजेक्ट) की शुरुआत।
4. Make in India के चुनौतियाँ एवं आलोचनाएँ
चुनौती | विवरण | संभावित समाधान |
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी | बिजली, सड़क, पोर्ट्स में सुधार की आवश्यकता। | गति शक्ति पोर्टल, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन। |
कर एवं श्रम कानून | GST और लेबर कोड सुधारों को लागू करने में देरी। | सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम। |
चीन से प्रतिस्पर्धा | चीन सस्ते माल के कारण भारतीय उत्पादों को टक्कर। | PLI योजना, ड्यूटी में वृद्धि। |
कौशल विकास की कमी | 75% इंजीनियर्स रोजगार के लायक नहीं (ASER रिपोर्ट)। | स्किल इंडिया मिशन, ITIs का उन्नयन। |
Make in India भविष्य की राह –
Make in India ने भारत को विनिर्माण एवं निर्यात के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई है। हालाँकि, सतत विकास के लिए निम्न कदम आवश्यक हैं:
- इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना (हाई-स्पीड रेल, स्मार्ट फैक्ट्रियाँ)।
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) पर जोर (चिप मैन्युफैक्चरिंग, AI)।
- स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स को मजबूत करना।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- Make in India के प्रारंभ तिथि: 25 सितंबर, 2014
- प्रतीक (Logo): शेर (विकास और शक्ति का प्रतीक)
- संबंधित योजनाएँ: PLI, स्टैंडअप इंडिया, डिजिटल इंडिया
“Make in India , मेक फॉर द वर्ल्ड” – यह नारा भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग लीडर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
High School in 1949 http://www.en.wikipedia.org/wiki/Chuck_Feeney .
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