1.निसार मिशन: जून 2025 में लॉन्च की तैयारी
- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-20/04/2025
NASA और ISRO का संयुक्त उपग्रह NISAR मिशन अंततः जून 2025 में लॉन्च होने वाला है।
मिशन विवरण:
- पृथ्वी अवलोकन के लिए उन्नत रडार तकनीक
- जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी
- 3 साल का मिशन जीवनकाल
2. आंध्र प्रदेश में SC उप-वर्गीकरण अध्यादेश: एक ऐतिहासिक निर्णय
आंध्र प्रदेश सरकार ने 15 अप्रैल 2025 को राज्य में अनुसूचित जातियों के बीच आरक्षण के न्यायसंगत वितरण के लिए एक अहम अध्यादेश जारी किया। इस निर्णय के तहत राज्य की 59 SC जातियों को 4 उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
प्रमुख विशेषताएं:
- मल्ला और मादिगा जैसी अत्यंत पिछड़ी जातियों को 6% अतिरिक्त आरक्षण
- शिक्षित और आर्थिक रूप से संपन्न जातियों का आरक्षण 1% कम किया गया
- यह व्यवस्था शिक्षा और सरकारी नौकरियों दोनों पर लागू होगी
3. भारतीय निर्यात में उछाल: FY25 में 6% की वृद्धि
वाणिज्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत के इंजीनियरिंग, वस्त्र और परिधान निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
क्षेत्रवार प्रदर्शन:
सेक्टर | FY24 निर्यात (अरब $) | FY25 निर्यात (अरब $) | वृद्धि |
इंजीनियरिंग | 109.3 | 116.67 | 6.74% |
टेक्सटाइल | 44.4 | 47.2 | 6.3% |
परिधान | 16.1 | 17.3 | 7.45% |
4. विश्व लिवर दिवस 2025: “भोजन ही दवा है”
19 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व यकृत दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम “भोजन ही दवा है” पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
प्रमुख गतिविधियां:
- देश भर में 500 से अधिक निःशुल्क लिवर स्क्रीनिंग कैंप आयोजित
- AIIMS दिल्ली द्वारा लिवर स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
- स्कूली बच्चों के लिए पोषण संबंधी जागरूकता कार्यक्रम
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5. SBI कार्ड और टाटा डिजिटल का नया को-ब्रांडेड कार्ड
SBI कार्ड ने टाटा डिजिटल के साथ साझेदारी में दो नए प्रीमियम क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए हैं।
कार्ड विवरण:
विशेषता | टाटा न्यू इंफिनिटी | टाटा न्यू प्लस |
वार्षिक शुल्क | ₹4,999 | ₹1,499 |
रिवॉर्ड रेट | 5% टाटा ब्रांड्स पर | 3% टाटा ब्रांड्स पर |
साइन-अप बेनिफिट | 10,000 रिवॉर्ड पॉइंट्स | 5,000 रिवॉर्ड पॉइंट्स |
6. न्यूयॉर्क में डॉ. अंबेडकर दिवस की घोषणा
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने 14 अप्रैल 2025 को आधिकारिक तौर पर “डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस” घोषित किया।
घटनाक्रम:
- संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विशेष समारोह आयोजित
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अंबेडकर के विचारों पर व्याख्यान दिए
- न्यूयॉर्क के प्रमुख स्थानों पर अंबेडकर की प्रतिमाओं का अनावरण
7. भारत-स्लोवाकिया रक्षा समझौता: एक नई शुरुआत
भारत और स्लोवाकिया ने रक्षा क्षेत्र में अपना पहला समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
समझौते के प्रमुख बिंदु:
- हल्के टैंकों के लिए संयुक्त अनुसंधान और विकास
- सैन्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान साझा करना
- भारतीय कंपनी एयरबॉर्निक्स डिफेंस को प्रमुख भागीदार बनाया गया
8. SBI की ‘अमृत वृष्टि’ एफडी योजना: नई दरें
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी लोकप्रिय ‘अमृत वृष्टि’ सावधि जमा योजना को संशोधित दरों के साथ फिर से शुरू किया है।
नई ब्याज दरें (वरिष्ठ नागरिकों के लिए):
अवधि | पुरानी दर | नई दर |
444 दिन | 7.75% | 7.55% |
3 वर्ष | 7.25% | 7.15% |
5 वर्ष | 7.50% | 7.40% |
9.कूनो से गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का सफल स्थानांतरण
20 अप्रैल 2025 को भारत ने अपनी महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास परियोजना में एक नया मील का पत्थर हासिल किया। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से दो वयस्क नर चीतों – प्रभास और पावक को सफलतापूर्वक गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य स्थानांतरित किया गया। यह स्थानांतरण विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टर क्रिएट्स में किया गया, जिसमें पशु चिकित्सकों की एक टीम ने पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के लिए 500 हेक्टेयर का विशेष बाड़ा बनाया गया है
- स्थानांतरण से पहले 6 महीने तक अभयारण्य को चीतों के अनुकूल बनाने का कार्य किया गया
- यह परियोजना भारत सरकार के ‘प्रोजेक्ट चीता’ का हिस्सा है जिसका उद्देश्य 50 चीतों को भारत में बसाना है
10. भारतीय फार्मा निर्यात ने 30 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का फार्मास्यूटिकल निर्यात पहली बार 30 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया।
प्रमुख निर्यात गंतव्य:
- संयुक्त राज्य अमेरिका (42%)
- यूरोपीय संघ (23%)
- अफ्रीका (15%)
- अन्य देश (20%)
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
“NISAR मिशन 2025 भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को कैसे बढ़ाएगा?” (250 शब्द)
“NASA-ISRO सहयोग के रणनीतिक प्रभावों की विवेचना करें।”
परिचय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का संयुक्त उपग्रह मिशन NISAR मिशन (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) अंततः जून 2025 में लॉन्च होने वाला है। यह मिशन पृथ्वी अवलोकन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है और भारत-अमेरिका सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
मिशन का महत्व
NISAR मिशन को “दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी पृथ्वी अवलोकन परियोजना” माना जा रहा है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
- जलवायु परिवर्तन की निगरानी करना
- प्राकृतिक आपदाओं (भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी) का पूर्वानुमान लगाना
- वनों की कटाई और कृषि उत्पादकता का विश्लेषण करना
- हिमनदों के पिघलने पर डेटा एकत्र करना
तकनीकी विवरण
पैरामीटर | विवरण |
लॉन्च तिथि | जून 2025 (अनुमानित) |
लॉन्च वाहन | ISRO का GSLV-Mk III |
मिशन जीवनकाल | 3 वर्ष |
वजन | लगभग 2,800 किग्रा |
कक्षा | 747 किमी की सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा |
रडार प्रकार | L-बैंड (NASA) और S-बैंड (ISRO) का दोहरा उपयोग |
विशेष तकनीक:
- ड्यूल-फ्रीक्वेंसी रडार प्रणाली से पृथ्वी की सतह का उच्च रिज़ॉल्यूशन चित्रण
- हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी का सर्वेक्षण
- 1 सेमी तक की सटीकता से भू-परिवर्तन मापन
भारत के लिए NISAR मिशन का महत्व
- आपदा प्रबंधन:
- बाढ़, भूस्खलन और चक्रवात जैसी आपदाओं का समय रहते पूर्वानुमान
- ISRO के अनुसार, इससे आपदा से निपटने की लागत में 30% तक की कमी आ सकती है
- कृषि निगरानी:
- मिट्टी की नमी और फसल स्वास्थ्य का वास्तविक समय में विश्लेषण
- किसानों को उन्नत कृषि सलाह देने में सहायक
- रणनीतिक लाभ:
- सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध निर्माण/गतिविधियों पर नजर
- हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूती
NISAR मिशन के विलंब के कारण
NISAR मिशन को मूल रूप से 2023 में लॉन्च होना था, लेकिन निम्न कारणों से विलंब हुआ:
- हार्डवेयर मुद्दे: रडार इंस्ट्रूमेंट में तकनीकी समस्याएं
- कोविड-19 प्रभाव: NASA और ISRO टीमों के बीच समन्वय में बाधा
- परीक्षण अवधि: उपग्रह के सभी घटकों की व्यापक जांच
NISAR मिशन के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का महत्व
- NASA ने मिशन के लिए L-बैंड रडार और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम प्रदान किया
- ISRO ने S-बैंड रडार, उपग्रह बस और लॉन्च वाहन का योगदान दिया
- दोनों एजेंसियां वैज्ञानिक डेटा साझा करेंगी, जिससे 50+ देश लाभान्वित होंगे
महत्वपूर्ण तथ्य:
- NISAR मिशन पहला मिशन है जहां NASA ने किसी उपग्रह के लिए रडार प्रणाली दी है
- प्रतिदिन 80 टेराबाइट डेटा उत्पन्न करने की क्षमता
- मिशन लागत: लगभग 1,500 करोड़ रुपये (NASA: 900 करोड़, ISRO: 600 करोड़)
NISAR मिशन 21वीं सदी की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि आम जनजीवन को भी प्रभावित करेगा। जून 2025 में NISAR मिशन के सफल प्रक्षेपण से भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश करेगा। NISAR मिशन से प्राप्त डेटा सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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