“Noida International Airport Set to Revolutionize Connectivity in NCR and Uttar Pradesh”
DATE-10/12/2024 SSONI
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, अब पूरी तरह तैयार हो चुका है और इसकी पहली परीक्षण उड़ान ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की है। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरपु ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलब्धि पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से एनसीआर और उत्तर प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी और ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा मिलेगा। हमारी सरकार लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी की शक्ति का लाभ उठाने के लिए कई कदम उठा रही है।”
हवाई अड्डे की विशेषताएं:
- क्षेत्रफल: यह हवाई अड्डा 1,334 एकड़ में फैला हुआ है।
- रनवे: हवाई अड्डे पर छह रनवे होंगे, जिसमें से प्रत्येक 3.9 किमी लंबा और 60 मीटर चौड़ा है।
- विमान पार्किंग: एयरपोर्ट पर एक साथ 178 विमान पार्क हो सकते हैं।
- यात्रा क्षमता: वर्तमान में 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता है, जो 2040-50 तक 7 करोड़ यात्रियों तक बढ़ने की योजना है।
- संस्कृति: टर्मिनल के प्रवेश बिंदु उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, विशेषकर वाराणसी के घाटों से प्रेरित हैं।
- लागत: निर्माण कार्य पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, और पूरे विकास के लिए 35,000 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है।
महत्व:
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यातायात का दबाव कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश और भारत की विमानन और आर्थिक प्रगति में एक बड़ा योगदान करेगी। यह हवाई अड्डा स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर और आर्थिक विकास को गति देगा।