- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-31/05/2025
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), जिसे अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा 2 फरवरी 2006 को लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्यक्रम है।
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें-
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
SIRONJ | ₹98190 | ₹99900 |
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 31/05/2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 31/05/2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:-
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
DELHI | ₹100220 | ₹91800 | ₹99900 |
MUMBAI | ₹98190 | ₹89940 | ₹99900 |
CHENNAI | ₹100200 | ₹91876 | ₹111000 |
KOLKATA | ₹100220 | ₹91870 | ₹100100 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
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GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
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में हम आपको मौजूदा समय के प्रसिद्ध शब्दों को हिंदी और सरल भाषा में समझाते हैं।
NREGA (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) – एक विस्तृत विवरण
यूपीएससी (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) परीक्षाओं के लिए
1. परिचय
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), जिसे अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा 2 फरवरी 2006 को लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्यक्रम है। यह ग्रामीण बेरोजगारों को 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
2. NREGA के प्रमुख उद्देश्य
- ग्रामीण बेरोजगारी को कम करना – प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सालाना 100 दिन का रोजगार देना।
- मजदूरी रोजगार के माध्यम से आय सृजन – शारीरिक श्रम करने वाले लोगों को न्यूनतम मजदूरी पर काम देना।
- ग्रामीण विकास को बढ़ावा – जल संरक्षण, सड़क निर्माण, भूमि विकास जैसे कार्यों से गाँवों का बुनियादी ढाँचा सुधारना।
- महिला सशक्तिकरण – कम से कम 1/3 भागीदारी महिलाओं की होनी चाहिए।
- पर्यावरण संरक्षण – वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण जैसे कार्यों से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।
3. NREGA की मुख्य विशेषताएँ
(A) कानूनी गारंटी
- यह दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार गारंटी कार्यक्रम है।
- यदि सरकार 15 दिन के भीतर रोजगार नहीं दे पाती, तो बेरोजगारी भत्ता देना होगा।
(B) पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) की भूमिका
- कार्यक्रम का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है।
- 60% से अधिक धन ग्राम पंचायतों को दिया जाता है।
(C) मजदूरी भुगतान
- मजदूरी सीधे बैंक/पोस्ट ऑफिस खाते में जमा की जाती है (DBT – Direct Benefit Transfer)।
- मनरेगा मजदूरी दर राज्यों के अनुसार अलग-अलग होती है (2024 में ₹234 से ₹374 प्रतिदिन)।
(D) पारदर्शिता और जवाबदेही
- सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) अनिवार्य है।
- मनरेगा पोर्टल (https://nrega.nic.in) पर सभी जानकारी उपलब्ध है।
4. NREGA के कार्यान्वयन की प्रक्रिया
- पंजीकरण – ग्रामीण परिवार ग्राम पंचायत में आवेदन करते हैं।
- जॉब कार्ड जारी करना – पंजीकृत परिवारों को जॉब कार्ड दिया जाता है।
- कार्य की मांग – व्यक्ति 15 दिन के भीतर काम माँग सकता है।
- कार्य आवंटन – 5 किमी के दायरे में काम दिया जाना चाहिए।
- मजदूरी भुगतान – 15 दिन के भीतर भुगतान किया जाना अनिवार्य है।
5. NREGA की उपलब्धियाँ
- 10 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ हुआ है।
- महिलाओं की भागीदारी लगभग 50% है।
- ग्रामीण मजदूरी दरों में वृद्धि हुई है।
- जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा मिला है।
6. चुनौतियाँ एवं आलोचनाएँ
- भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा – कुछ क्षेत्रों में गैर-मौजूदा मजदूरों के नाम पर भुगतान।
- मजदूरी में देरी – कई राज्यों में मजदूरी समय पर नहीं मिलती।
- अपर्याप्त बजट आवंटन – केंद्र सरकार द्वारा कम फंडिंग।
- काम की गुणवत्ता – कुछ परियोजनाएँ टिकाऊ नहीं होतीं।
NREGA भारत की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक है, जिसने ग्रामीण गरीबी और बेरोजगारी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालाँकि, पारदर्शिता, भुगतान की समयबद्धता और कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है। यह योजना संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, NREGA न केवल ग्रामीण रोजगार बल्कि गाँवों के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है।