रैंकिन साइकल (Rankine Cycle) क्या है?

रैंकिन साइकल (Rankine Cycle) क्या है?

रैंकिन साइकल एक थर्मोडायनामिक चक्र है, जो भाप इंजनों और थर्मल पावर प्लांट्स में उपयोग होता है। इसका उद्देश्य गर्मी से काम (वर्क) उत्पन्न करना है, जो ईंधन को जलाने से उत्पन्न होती है। इस चक्र में, एक तरल (अक्सर पानी) का उपयोग होता है, जो चार प्रक्रियाओं से गुजरता है और अंत में यांत्रिक ऊर्जा या बिजली में बदल जाता है।

DATE -10/11/2024 SSONI

रैंकिन साइकल के चार चरण (Four Stages of Rankine Cycle):

  1. प्रक्रिया 1-2: इसेंट्रॉपिक कंप्रेशन (Isentropic Compression)
    • इस चरण में पंप का उपयोग किया जाता है ताकि द्रव (पानी) को कम दबाव से उच्च दबाव पर पहुंचाया जा सके।
    • पंप पानी में दबाव बढ़ाता है, जिससे उसका तापमान थोड़ा बढ़ता है, लेकिन यह भाप में नहीं बदलता।
    • यह प्रक्रिया इसेंट्रॉपिक (entropy constant) होती है, यानी इसमें किसी भी तरह की आंतरिक ऊर्जा का नुकसान नहीं होता।
  2. प्रक्रिया 2-3: इसोबारिक हीट एडिशन (Isobaric Heat Addition)
    • इस चरण में, पानी को बॉयलर में गर्म किया जाता है ताकि वह उच्च तापमान और उच्च दबाव पर भाप में बदल जाए।
    • यह प्रक्रिया एक निरंतर दबाव (इसोबारिक) पर होती है।
    • इस प्रक्रिया में पानी को पूरी तरह से भाप में बदलने तक गर्म किया जाता है।
  3. प्रक्रिया 3-4: इसेंट्रॉपिक एक्सपेंशन (Isentropic Expansion)
    • उच्च दबाव वाली भाप अब टरबाइन से गुजरती है, जहां वह अपनी ऊर्जा छोड़ती है और इसे यांत्रिक ऊर्जा में बदल देती है।
    • टरबाइन में भाप का दबाव और तापमान दोनों कम हो जाते हैं, और इससे बिजली उत्पन्न होती है।
    • यह भी एक इसेंट्रॉपिक प्रक्रिया होती है, जहां कोई ऊष्मा हानि नहीं होती है।
  4. प्रक्रिया 4-1: इसोबारिक हीट रिजेक्शन (Isobaric Heat Rejection)
    • इस चरण में, टरबाइन से निकलने वाली भाप को कंडेन्सर में ठंडा किया जाता है ताकि वह फिर से द्रव (पानी) में बदल जाए।
    • यह प्रक्रिया भी एक निरंतर दबाव (इसोबारिक) पर होती है।
    • ठंडा होने के बाद यह पानी पुनः पंप में जाता है, और इस प्रकार चक्र जारी रहता है।

रैंकिन साइकल का आरेख (Diagram of Rankine Cycle)

रैंकिन साइकल को पी-वी (Pressure-Volume) और टी-एस (Temperature-Entropy) ग्राफ में प्रदर्शित किया जा सकता है, जो इसके चरणों और विभिन्न मापदंडों के बीच संबंध को दिखाता है। इस आरेख को समझने से यह पता चलता है कि ऊर्जा कैसे उत्पन्न होती है और यह चक्र कैसे चलता है।

व्यावहारिक रूप से, दक्षता को बढ़ाने के तरीके:

  1. उच्च दबाव पर काम करना (High Pressure Operation):
    • उच्च दबाव पर बॉयलर में गर्मी देना और उच्च दबाव टरबाइन में विस्तार करना दक्षता बढ़ाता है।
  2. रीहीटिंग प्रक्रिया (Reheating Process):
    • भाप को दो बार गर्म करके (रीहीटिंग) और टरबाइन के विभिन्न चरणों में इसका उपयोग करके अधिक दक्षता प्राप्त की जा सकती है।
  3. रीजनरेशन (Regeneration):
    • बचे हुए हीट को उपयोग में लाने के लिए वाष्पीकरण और संपीड़न के बीच हीट एक्सचेंजर का प्रयोग करने से भी दक्षता बढ़ाई जा सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

रैंकिन साइकल थर्मल पावर प्लांट्स के लिए एक महत्वपूर्ण चक्र है, जो गर्मी को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसकी दक्षता को बढ़ाने के लिए उच्च दबाव, रीहीटिंग और रीजनरेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। इस चक्र के समझने से न केवल ऊर्जा उत्पादन प्रणाली का प्रभावी उपयोग होता है, बल्कि ऊर्जा की लागत को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

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