- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-13/04/2025
आज सिरोंज में सोने और चांदी की कीमतें
CITY | GOLD PRICES (WITH GST) 10 GRAMS | SILVER PRICES (WITH GST) PER KG |
SIRONJ | ₹96870 | ₹97745 |
फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) सरकार के वित्तीय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दर्शाता है कि सरकार की कुल आय (रेवेन्यू) और गैर-उधारी खर्च (Non-Borrowed Expenditure) के बीच कितना अंतर है।
यह चैनल उन लोगों के लिए एक बेहतरीन स्रोत है जो आज 13 April 2025 GOLD AND SILVER PRICES जानना चाहते हैं। यहां आपको भारत में GOLD AND SILVER PRICES मिलेंगी, जिन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है।चाहे आप निवेशक हों, जौहरी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपने निवेश को समझदारी से करना चाहता है, यह चैनल आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
- सोने या चांदी के दाम हर रोज़ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर बदलती रहती हैं।
- इस ब्लॉग पर आपको प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों की सोने और चांदी की कीमतें मिलेगी।
- इसके अलावा, हम यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों का भी उल्लेख करते हैं ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह जानना जरूरी है कि यहां दी गई कीमतें बाजार में थोड़े बदलाव के साथ बदल सकती हैं।
- GOLD AND SILVER PRICES में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, मांग और आपूर्ति का संतुलन, मुद्रा की दरें और अन्य आर्थिक कारक होते हैं।
- इसलिए, हम आपको यह सलाह देते हैं कि इन कीमतों की पुष्टि करते समय बाजार की मौजूदा स्थिति को भी ध्यान में रखें।
हमारा लक्ष्य है कि आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को समझदारी से ले सकें। हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको कीमतों के अलावा, बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट्स और टिप्स भी मिलेंगे जो आपको बेहतर निवेश का मार्गदर्शन करेंगे। तो अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, या केवल उनके दामों के बारे में जानकारी रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को नियमित रूप से फॉलो करना न भूलें!
यहाँ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 13 April 2025 सोने और चांदी की कीमतें दिए गए हैं:
CITY | 24k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | 22k GOLD (GST PRICE) 10GRAMS | SILVER (GST PRICE) PER KG |
DELHI | ₹98515 | ₹90331 | ₹97747 |
MUMBAI | ₹96870 | ₹88733 | ₹97747 |
CHENNAI | ₹98515 | ₹90331 | ₹110000 |
KOLKATA | ₹98515 | ₹90331 | ₹94299 |
ध्यान दें कि ये भाव बाज़ार के अनुसार बदल सकते हैं, और इनमें दैनिक या साप्ताहिक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और मांग-आपूर्ति के आधार पर होते हैं
FOR LATEST UPDATE OF GOLD AND SILVER PRICES VISIT THIS SITE
Also Read- अंडरवाटर ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई से दुबई 2 घंटे की यात्रा
GOLD AND SILVER PRICES कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
- GOLD AND SILVER PRICES अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों से बहुत प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर निवेश, मांग, और आपूर्ति में बदलाव होता है, वैसे ही इन धातुओं के दामों में उतार-चढ़ाव आता है। हाल ही में चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध (trade war) की वजह से चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय बाजार में अव्यवस्था के कारण होती है।
2. डॉलर की कीमत
- चूंकि सोने और चांदी का व्यापार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है, इसलिए डॉलर की विनिमय दर में बदलाव का प्रभाव सीधा इनकी कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो सोने-चांदी के दाम कम हो सकते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इनके दाम बढ़ सकते हैं।
3. मांग और आपूर्ति
- यदि सोने और चांदी की मांग अधिक होती है और उनकी आपूर्ति सीमित होती है, तो उनके दाम बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर त्योहारों और शादी के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब इनकी मांग बढ़ जाती है।
4. मुद्रास्फीति (महंगाई)
- महंगाई की दर में वृद्धि होने पर निवेशक सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति के समय में इनकी कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।
Daily Dose
में हम आपको मौजूदा समय के प्रसिद्ध आर्थिक शब्दों को हिंदी और सरल भाषा में समझाते हैं।
फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटा) क्या है?
फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) सरकार के वित्तीय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दर्शाता है कि सरकार की कुल आय (रेवेन्यू) और गैर-उधारी खर्च (Non-Borrowed Expenditure) के बीच कितना अंतर है। सरल शब्दों में, जब सरकार का खर्च आय से ज्यादा हो जाता है, तो उस अंतर को पूरा करने के लिए सरकार को कर्ज (उधार) लेना पड़ता है, और यही राजकोषीय घाटा कहलाता है।
फिस्कल डेफिसिट की गणना कैसे होती है?
फिस्कल डेफिसिट = कुल खर्च (Expenditure) – (कुल राजस्व (Revenue) + गैर-कर्ज वाली पूंजीगत प्राप्तियां (Non-Debt Capital Receipts))
भारत में फिस्कल डेफिसिट की स्थिति (2024-25)
- भारत सरकार ने 2024-25 के बजट में फिस्कल डेफिसिट को GDP के 5.1% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
- महामारी (COVID-19) के दौरान यह घाटा 9.5% तक पहुँच गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है।
- भारत में फिस्कल डेफिसिट का मुख्य कारण सब्सिडी (उर्वरक, खाद्य), बुनियादी ढाँचे (Infrastructure) पर खर्च और राज्यों को वित्तीय सहायता है।
भारत vs अन्य देश: फिस्कल डेफिसिट की तुलना
देश | फिस्कल डेफिसिट (GDP का %) | मुख्य कारण |
---|---|---|
भारत | 5.1% (2024-25) | बुनियादी ढाँचा, सब्सिडी, सामाजिक योजनाएँ |
अमेरिका | 5.8% (2024 est.) | रक्षा खर्च, स्वास्थ्य सेवाएँ, कर कटौती |
चीन | 7-8% (अनौपचारिक अनुमान) | सरकारी निवेश, स्थानीय सरकारों का कर्ज |
जापान | 6-7% | जनसंख्या वृद्धि, कमजोर आर्थिक विकास |
जर्मनी | 2% से कम | मजबूत कर संग्रह, अनुशासित खर्च |
तुलनात्मक विश्लेषण:
- विकसित देश (जैसे अमेरिका, जापान) – इन देशों का फिस्कल डेफिसिट भारत से ज्यादा है, लेकिन उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत होने के कारण वे इसे संभाल पाते हैं।
- चीन – चीन का घाटा आधिकारिक तौर पर कम दिखाया जाता है, लेकिन स्थानीय सरकारों का कर्ज बहुत अधिक है।
- जर्मनी जैसे देश – यूरोपीय देशों में फिस्कल अनुशासन कड़ा होता है, इसलिए उनका घाटा कम रहता है।
फिस्कल डेफिसिट के नुकसान
- महंगाई (Inflation) बढ़ सकती है – ज्यादा कर्ज लेने से अर्थव्यवस्था में पैसा बढ़ता है, जिससे महंगाई हो सकती है।
- कर्ज का बोझ (Debt Burden) – भारत का कुल सार्वजनिक कर्ज GDP के 80% के करीब है, जो चिंता का विषय है।
- निवेश पर असर – अगर सरकार ज्यादा कर्ज लेती है, तो प्राइवेट सेक्टर के लिए कर्ज महँगा हो जाता है।
भारत ने हाल के वर्षों में फिस्कल डेफिसिट को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन विकास और घाटे के बीच संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। अगर सरकार टैक्स कलेक्शन बढ़ाती है और अनावश्यक खर्च कम करती है, तो भारत भी जर्मनी या दक्षिण कोरिया जैसे देशों की तरह मजबूत वित्तीय स्थिति बना सकता है।
क्या आपको किसी विशेष पहलू पर और जानकारी चाहिए?
2 thoughts on “ फिस्कल डेफिसिट,13/04/2025 GOLD AND SILVER PRICES”